क्या आईसीसी ने महिला टी20 विश्व कप 2026 क्वालिफायर की मेजबानी नेपाल को देने का सही फैसला किया?

सारांश
Key Takeaways
- नेपाल को मेज़बानी देकर आईसीसी ने दूरदर्शिता दिखाई है।
- महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण अवसर।
- क्वालिफायर का आयोजन क्रिकेट के प्रति दृष्टिकोण को बदल सकता है।
- छोटे देशों में क्रिकेट को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम।
- नेपाल में सफल आयोजन से नए वेन्यू का विकास होगा।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आईसीसी ने महिला टी20 विश्व कप 2026 क्वालिफायर की मेज़बानी पर्वतीय देश नेपाल को सौंपी है। नेपाल क्रिकेट की दुनिया में एक नवागंतुक की तरह है। नेपाल की पुरुष क्रिकेट टीम ने हाल के वर्षों में अपने प्रदर्शन से विश्व क्रिकेट में हलचल मचाई है, परंतु महिला क्रिकेट टीम की स्थिति वैसी नहीं है। नेपाल में क्रिकेट के लिए स्टेडियम भी अंतर्राष्ट्रीय मानकों से मेल नहीं खाते।
फिर भी, क्वालिफायर के आयोजन का अवसर नेपाल को देना क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था के दूरदर्शिता को दर्शाता है।
महिला टी20 विश्व कप 2026 क्वालिफायर के मैच नेपाल की राजधानी काठमांडु के मुलपानी स्थित दो स्टेडियमों - लोअर मुलपानी क्रिकेट स्टेडियम और अपर मुलपानी क्रिकेट स्टेडियम, जिन्हें क्रमशः मुलपानी क्रिकेट स्टेडियम और जयकुमार शाह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट ग्राउंड के नाम से जाना जाता है - में खेले जाएंगे।
मुलपानी क्रिकेट स्टेडियम की क्षमता २५,००० है, जबकि जयकुमार शाह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट ग्राउंड की क्षमता ४,००० है। इन स्टेडियमों की वायुमार्ग और सड़क मार्ग से कनेक्टिविटी अच्छी है और इन दोनों में पूर्व में भी अंतर्राष्ट्रीय मैच हो चुके हैं।
नेपाल को महिला टी20 विश्व कप 2026 क्वालिफायर का आयोजन सौंपने का आईसीसी का निर्णय कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आधारित हो सकता है।
जय शाह ने 2024 में आईसीसी अध्यक्ष की कुर्सी संभालते समय छोटे देशों में क्रिकेट को मजबूत करने का संकल्प लिया था, और नेपाल में क्वालिफायर का आयोजन इसका स्पष्ट प्रमाण है। आईसीसी महिला टी20 विश्व कप 2026 क्वालिफायर के माध्यम से दक्षिण एशिया में क्रिकेट के प्रसार को बढ़ावा देना चाहती है। एशिया में महिला क्रिकेट, यूरोप की तुलना में काफी पीछे है।
नेपाल में महिला क्रिकेट अपनी प्रारंभिक अवस्था में है। ऐसे में टी20 विश्व कप 2026 क्वालिफायर का आयोजन न केवल नेपाल, बल्कि दक्षिण एशिया के अन्य देशों में भी महिलाओं के क्रिकेट के प्रति दृष्टिकोण को बदलेगा और उन्हें इस खेल के प्रति गंभीर बनाएगा।
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण अक्सर दोनों देशों के बीच होने वाला कोई भी आयोजन यूएई या श्रीलंका में शिफ्ट करना पड़ता है। यदि क्वालिफायर का आयोजन नेपाल में सफलतापूर्वक हो गया, तो आईसीसी के पास एक और स्थान होगा, जहां कम से कम महिला क्रिकेट के बड़े इवेंट आयोजित किए जा सकते हैं।