क्या राष्ट्रीय खेल विधेयक युवाओं के लिए एक बेहतरीन नवाचार साबित होगा? : हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम

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क्या राष्ट्रीय खेल विधेयक युवाओं के लिए एक बेहतरीन नवाचार साबित होगा? : हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम

सारांश

हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम ने राष्ट्रीय खेल विधेयक के बारे में अपने विचार साझा किए। क्या यह विधेयक युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण नवाचार साबित होगा? जानिए इस विधेयक के पीछे की सोच और इसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • राष्ट्रीय खेल विधेयक युवाओं के लिए संभावित नवाचार है।
  • बीसीसीआई को सरकारी नियमों का पालन करना होगा।
  • इस विधेयक से खेलों में नैतिकता का विकास होगा।
  • खिलाड़ियों के लिए कल्याणकारी उपायों का प्रावधान।
  • खेल विवादों के समाधान के लिए एकीकृत उपाय।

कुरुक्षेत्र, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम ने राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक पर अपनी टिप्पणी की। भारत सरकार यह विधेयक संसद में प्रस्तुत करने की योजना बना रही है। गौरव गौतम के अनुसार, ऐसे निर्णय युवाओं के लिए सकारात्मक नवाचार साबित होंगे।

भारत सरकार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को भी इस राष्ट्रीय खेल विधेयक के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। यह अन्य राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के लिए लागू नियमों की तरह होगा। खेल मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, जब यह कानून बन जाएगा, तो बीसीसीआई के लिए इसके सभी प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य हो जाएगा।

रिपोर्ट के अनुसार, सरकार इस विधेयक को मौजूदा मानसून सत्र में पेश करने वाली है। हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "यदि सरकार यह निर्णय लेती है, तो यह एक उत्कृष्ट निर्णय होगा। यह युवाओं के लिए एक सकारात्मक नवाचार होगा। मैं इस विधेयक के लिए सरकार को शुभकामनाएं देता हूं।"

वहीं, इस मुद्दे पर पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला ने कहा, "चाहे केंद्रीय सरकार हो या राज्य सरकार, यदि निर्णय सही है तो उसे सभी को स्वीकार करना चाहिए। हमें इस विधेयक को विस्तार से देखना होगा। विधेयक की सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है। सरकार द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसे स्वीकार करना होगा।"

जानकारी के अनुसार, बीसीसीआई भारत की एकमात्र प्रमुख खेल संस्था है, जो सरकारी नियमों के दायरे में नहीं आती। खेल मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि बीसीसीआई सहित सभी महासंघों के लिए राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक के अंतर्गत आना अनिवार्य होगा।

राष्ट्रीय खेल विधेयक अक्टूबर 2024 से प्रक्रियाधीन है, जिसका उद्देश्य खेलों के विकास और संवर्धन, खेलों में नैतिक प्रथाओं और उनसे जुड़े मुद्दों और खिलाड़ियों के लिए कल्याणकारी उपायों का प्रावधान करना है। इस विधेयक में खेल संबंधी शिकायतों और विवादों के एकीकृत, न्यायसंगत और प्रभावी समाधान के लिए उपाय भी प्रस्तावित किए गए हैं।

Point of View

NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

राष्ट्रीय खेल विधेयक क्या है?
यह एक कानूनी ढांचा है जो भारतीय खेलों के विकास, खेल नैतिकता और खिलाड़ियों की भलाई के लिए प्रस्तावित किया गया है।
क्या बीसीसीआई इस विधेयक के दायरे में आएगा?
हाँ, बीसीसीआई को भी इस विधेयक के तहत लाने की योजना है, जिससे इसे सरकारी नियमों का पालन करना पड़ेगा।
इस विधेयक का उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य खेलों का विकास, नैतिक प्रथाओं का संवर्धन और खिलाड़ियों के कल्याणकारी उपायों का प्रावधान करना है।