क्या लक्ष्य सेन भारतीय बैडमिंटन की युवा सनसनी हैं, जिन्होंने ओलंपिक मेडल की आस जगाई?

सारांश
Key Takeaways
- लक्ष्य सेन भारतीय बैडमिंटन के एक चमकते सितारे हैं।
- उन्होंने 2024 ओलंपिक में सेमीफाइनल में जगह बनाई।
- उनका जन्म 16 अगस्त 2001 को हुआ।
- उन्होंने 2022 में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता।
- उनके कोच विमल कुमार हैं।
नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रकाश पादुकोण, पुलेला गोपीचंद, सायना नेहवाल और पीवी सिंधु जैसे नामों ने बैडमिंटन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का गौरव बढ़ाया है। इस परंपरा में अब लक्ष्य सेन का नाम जुड़ चुका है। 24 वर्षीय लक्ष्य को भारतीय पुरुष बैडमिंटन का उज्ज्वल भविष्य माना जा रहा है।
लक्ष्य सेन ने लंबे समय तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया है। 2024 के पेरिस ओलंपिक में पुरुष एकल सेमीफाइनल में स्थान बनाकर उन्होंने अपनी प्रतिभा साबित की। वह ओलंपिक में बैडमिंटन एकल में सेमीफाइनल तक पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने। ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेलते समय उन्हें बेहद कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा। फिर भी, लक्ष्य ने भारतीयों को यह विश्वास दिलाया कि भविष्य में वह इस प्रतिस्पर्धा में भारत की पदक की कमी को पूरा कर सकते हैं।
लक्ष्य सेन का जन्म 16 अगस्त 2001 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में हुआ था। उनके दादा और पिता भी बैडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं। उनके बड़े भाई चिराग सेन भी इस खेल में हैं, जिससे लक्ष्य का जीवन बैडमिंटन के प्रति समर्पित हो गया। करियर बनाने के सपने के साथ वह बेंगलुरु चले गए।
लक्ष्य ने लगभग 10 साल की उम्र में कोच विमल कुमार की अकादमी में प्रशिक्षण लेना शुरू किया। वह प्रकाश पादुकोण की अकादमी में भी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और उन्हें अपना गुरु मानते हैं।
लक्ष्य सेन जूनियर बैडमिंटन में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी रह चुके हैं, और उनका प्रदर्शन जूनियर स्तर पर बहुत ही प्रभावशाली रहा है।
उनके करियर में कई उपलब्धियां हैं। 2022 में बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने पुरुष एकल वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। इससे पहले, 2021 में उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में पुरुष एकल में कांस्य पदक जीता था। 2022 में थॉमस कप में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।
भारत सरकार ने 2022 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा।
लक्ष्य अभी 24 वर्ष के हैं और कोच विमल कुमार की अकादमी में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। पेरिस ओलंपिक में उनके मेडल से चूकने के बाद, कोच विमल ने कहा कि उनमें ओलंपिक मेडल जीतने की क्षमता है। अगला ओलंपिक 2028 में लॉस एंजेलिस में होगा। उम्मीद है कि लक्ष्य लॉस एंजेलिस में पेरिस की कमियों को दूर कर बैडमिंटन में पुरुष एकल में पहला पदक दिलाएंगे।