क्या लाला अमरनाथ ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का पहला शतक बनाया था, पाकिस्तान के खिलाफ?

सारांश
Key Takeaways
- लाला अमरनाथ ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का पहला शतक बनाया।
- उन्होंने 24 टेस्ट मैचों में 878 रन बनाए।
- लाला अमरनाथ ने भारतीय क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उनके बेटे भी क्रिकेट में सफल रहे।
- उनका योगदान आज भी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है।
10 सितंबर, नई दिल्ली (राष्ट्र प्रेस)। लाला अमरनाथ का नाम उन क्रिकेटरों में शामिल है, जिन्होंने भारत में क्रिकेट के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया। न केवल खिलाड़ी के रूप में, बल्कि कप्तान के रूप में भी लाला अमरनाथ ने अपने प्रदर्शन से देश में क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
लाला अमरनाथ का जन्म 11 सितंबर 1911 को कपूरथला, पंजाब में हुआ था। बचपन से ही क्रिकेट में रुचि रखने वाले अमरनाथ एक समग्र क्रिकेटर थे। वह दाएं हाथ के बल्लेबाज और तेज गेंदबाज के साथ-साथ विकेटकीपर भी थे।
1933 में इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई में खेले गए टेस्ट से लाला अमरनाथ ने 22 वर्ष की आयु में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत की। दिसंबर 1952 में उन्होंने अपने करियर का अंतिम टेस्ट खेला, जो पाकिस्तान के खिलाफ था।
19 वर्षों के करियर में लाला अमरनाथ ने 24 टेस्ट मैचों की 40 पारियों में 1 शतक और 4 अर्धशतक लगाते हुए कुल 878 रन बनाए। उनका सर्वाधिक स्कोर 118 था। उन्होंने 45 विकेट भी लिए और एक पारी में 5 विकेट लेने की उपलब्धि उन्होंने दो बार हासिल की।
लाला अमरनाथ के अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान भारतीय क्रिकेट का भविष्य भी आकार ले रहा था। इस दिग्गज क्रिकेटर ने क्रिकेट को देश में लोकप्रिय बनाने में एक प्रमुख भूमिका निभाई।
अमरनाथ ने अपने पहले टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ 17 दिसंबर, 1933 को शतक लगाया था। यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किसी भी भारतीय द्वारा बनाया गया पहला शतक था। जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो वह स्वतंत्र भारत के पहले कप्तान बने और उनकी कप्तानी में भारत ने अपनी पहली टेस्ट श्रृंखला जीती। 1952 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम 5 टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए भारत आई थी, जिसे भारत ने 2-1 से जीत लिया। श्रृंखला जीतने के साथ ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 1954-55 में जब भारतीय टीम पाकिस्तान गई, तो लाला अमरनाथ उस दौरे के मैनेजर थे।
लाला अमरनाथ ने लाखों युवाओं में क्रिकेट के प्रति रुचि बढ़ाई और उनके बेटे भी इस क्षेत्र में आए और सफल रहे। उनके बेटे सुरिंद्र अमरनाथ और मोहिंदर अमरनाथ ने भारतीय टीम के लिए खेला। सुरिंद्र ने भारत के लिए 10 टेस्ट और 3 वनडे खेले जबकि मोहिंदर ने 69 टेस्ट और 85 वनडे खेले। मोहिंदर अमरनाथ ने भारत को 1983 का विश्व कप जीताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
5 अगस्त 2000