क्या कलकत्ता हाईकोर्ट ने लियोनल मेसी इवेंट मामले में बंगाल सरकार को रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया?

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क्या कलकत्ता हाईकोर्ट ने लियोनल मेसी इवेंट मामले में बंगाल सरकार को रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया?

सारांश

कलकत्ता हाईकोर्ट ने लियोनल मेसी के इवेंट के दौरान हुई अफरा-तफरी पर बंगाल सरकार को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। यह मामला कई जनहित याचिकाओं से जुड़ा है, जिसमें वित्तीय गड़बड़ियों की जांच की मांग की गई है। जानें और क्या महत्वपूर्ण है इस मामले में।

Key Takeaways

  • लियोनल मेसी का इवेंट विवाद में आ गया है।
  • कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया।
  • जनहित याचिकाओं में वित्तीय गड़बड़ियों की जांच की मांग।
  • जांच समिति का नेतृत्व अशीम कुमार रे कर रहे हैं।
  • मुख्यमंत्री की जांच समिति पर सवाल उठाए गए हैं।

कोलकाता, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने लियोनल मेसी के कार्यक्रम के दौरान गुरुवार को साल्ट लेक स्टेडियम में हुई अफरा-तफरी और तोड़फोड़ पर पश्चिम बंगाल सरकार को 22 दिसंबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

इस मामले में तीन अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं, जिन पर गुरुवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल और जज पार्थ सारथी सेन की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की। सुनवाई के प्रारंभ में राज्य सरकार के वकील ने मामले की सुनवाई को स्थगित करने का अनुरोध किया। डिवीजन बेंच ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को 22 दिसंबर तक कोर्ट में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अब मामले की अगली सुनवाई भी 22 तारीख को होगी।

इन जनहित याचिकाओं में से एक में, पिटीशनर और सीनियर एडवोकेट बिलवादल भट्टाचार्य ने कार्यक्रम के टिकटों की बिक्री में कथित वित्तीय गड़बड़ियों की जांच की मांग की है, जहां विभिन्न टिकटों की कीमतें 3,000 रुपये से लेकर 12,000 रुपये तक थीं।

सीनियर वकील सब्यसाची चट्टोपाध्याय द्वारा प्रस्तुत एक अन्य पीआईएल में, इस मामले की भारत के कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) से जांच की मांग की गई है।

चट्टोपाध्याय की पीआईएल में मेसी शो के कुप्रबंधन की जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक समिति बनाने की भी मांग की गई है। पिटीशन में यह दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा घोषित जांच समिति केवल दिखावा है और इसका उद्देश्य प्रबंधन के पीछे के मुख्य दोषियों को बचाना है।

साल्ट लेक स्टेडियम में अफरा-तफरी के तुरंत बाद मुख्यमंत्री द्वारा घोषित उक्त जांच समिति के प्रमुख कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस (सेवानिवृत्त) अशीम कुमार रे हैं। समिति के अन्य दो सदस्य मुख्य सचिव मनोज पंत और गृह विभाग की अतिरिक्त सचिव नंदिनी चक्रवर्ती हैं।

विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने गवर्नर सी.वी. आनंद बोस को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा घोषित समिति को रद्द कर मामले की स्वतंत्र न्यायिक जांच कराने का अनुरोध किया है।

Point of View

NationPress
18/12/2025

Frequently Asked Questions

लियोनल मेसी का इवेंट कब हुआ था?
यह इवेंट गुरुवार को साल्ट लेक स्टेडियम में हुआ था।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने किस तारीख तक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया?
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 22 दिसंबर तक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।
इस मामले में कितनी जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं?
इस मामले में तीन अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच समिति का नेतृत्व किसे सौंपा?
मुख्यमंत्री ने जांच समिति का नेतृत्व सेवानिवृत्त जज आशिम कुमार रे को सौंपा है।
अफरा-तफरी के दौरान क्या हुआ था?
अफरा-तफरी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई थीं, जिन पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया।
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