क्या स्मृति मंधाना को यकीन था कि भारत जीत हासिल करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- भारत को इंग्लैंड के खिलाफ 4 रन से हार का सामना करना पड़ा।
- स्मृति मंधाना ने 88 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली।
- उन्हें शॉट चयन में सुधार की आवश्यकता महसूस हुई।
- भारतीय टीम को आगे बढ़ने की जरूरत है।
- क्रिकेट में धैर्य महत्वपूर्ण है।
इंदौर, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत को महिला विश्व कप 2025 के 20वें मैच में इंग्लैंड के हाथों 4 रन के करीबी अंतर से हार का सामना करना पड़ा। विश्व कप में लगातार तीसरी हार के बाद भारत की सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना जब प्रेस कॉन्फ्रेंस रूम में आईं, तो वे बेहद निराश थीं।
होल्कर स्टेडियम में रविवार को खेले गए इस मुकाबले में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट खोकर 288 रन बनाए। इसके जवाब में टीम इंडिया ने निर्धारित ओवरों में 6 विकेट खोकर 284 रन ही बनाए। स्मृति मंधाना ने 94 गेंदों में 8 चौकों की मदद से 88 रन की पारी खेली, लेकिन टीम जीत दर्ज नहीं कर सकी।
मंधाना 41.2 ओवर में लिंसी स्मिथ की गेंद पर कैच आउट हुईं। उस समय भारत को जीत के लिए 51 रन की दरकार थी। इंग्लैंड के खेमे में जश्न का माहौल था, लेकिन स्टेडियम में मौजूद भारतीय फैंस खामोश थे।
मुकाबले के बाद स्मृति मंधाना ने कहा, "सभी के शॉट चयन देखकर लगता है कि हम अपने शॉट चयन में और बेहतर कर सकते थे। खासकर इसकी शुरुआत मुझसे हुई। मैं मानती हूं कि शॉट चयन बेहतर होना चाहिए था। हमें बस प्रति ओवर छह रन की दरकार थी। शायद हमें मैच को और आगे ले जाना चाहिए था। मैं खुद इसकी जिम्मेदारी लेती हूं, क्योंकि विकेट गिरने की शुरुआत मुझसे ही हुई।"
जब स्मृति आउट हुईं, तो उन्हें यकीन था कि भारत जीत हासिल करेगा। स्मृति ने बताया, "मुझे यकीन था कि मैं उनका सामना कर सकती हूं। मैं कवर्स के ऊपर से ज्यादा शॉट लगाने की कोशिश कर रही थी। मैंने उस शॉट की टाइमिंग गलत कर दी। शायद उस समय उस शॉट की जरूरत नहीं थी।"
उन्होंने कहा, "मुझे बस और धैर्य रखने की जरूरत थी। पूरी पारी के दौरान मैं खुद को धैर्य रखने और हवाई शॉट न खेलने के लिए कह रही थी। शायद उस पारी में भावनाएं हावी हो गईं, जो क्रिकेट में कभी काम नहीं आतीं। मुझे पूरा भरोसा था कि हम जीत हासिल कर लेंगे, लेकिन यह क्रिकेट है। आप कभी भी बहुत आगे नहीं सोच सकते।"