क्या मिताली राज का क्रिकेट करियर 2017 की हार से अधूरा रह गया?

Click to start listening
क्या मिताली राज का क्रिकेट करियर 2017 की हार से अधूरा रह गया?

सारांश

मिताली राज, महिला क्रिकेट की एक महानायक, ने भले ही विश्व कप नहीं जीता, लेकिन उनके रिकॉर्ड और संघर्ष ने भारतीय क्रिकेट में एक नई पहचान दी। क्या उनकी 2017 की हार उनके करियर पर छाया डालती है? जानें उनकी यात्रा और उपलब्धियों के बारे में।

Key Takeaways

  • मिताली राज का क्रिकेट करियर प्रेरणा देने वाला है।
  • उन्होंने महिला क्रिकेट में कई रिकॉर्ड बनाए हैं।
  • उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने दो बार विश्व कप फाइनल खेला।
  • मिताली ने 2000 में वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड स्थापित किया।
  • उनकी यात्रा संघर्ष और सफलता का प्रतीक है।

नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका को हराकर हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में अपना पहला विश्व कप जीता था। भारतीय महिला टीम की पहली विश्व कप विजय की यात्रा काफी लंबी रही है। इस यात्रा में कई ऐसे नाम रहे हैं, जिन्होंने भारतीय टीम को मौजूदा स्वरूप देने में महत्वपूर्ण और यादगार भूमिका निभाई है। इनमें से सबसे बड़ा नाम मिताली राज का है।

मिताली राज का जन्म 3 दिसंबर 1982 को जोधपुर, राजस्थान में हुआ था। हालांकि मूल रूप से वह हैदराबाद से संबंध रखती हैं।

बचपन से ही क्रिकेटर बनने का सपना देखने वाली मिताली राज ने मात्र 16 साल की उम्र में 29 जून 1999 को आयरलैंड के खिलाफ वनडे से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। मिताली ने अपने पहले वनडे में ही 114 रन की पारी खेली और उन्होंने बता दिया था कि वह महिला क्रिकेट का नया इतिहास लिखने आई हैं। पहले वनडे में शतक लगाने के बाद मिताली ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

उनकी बल्लेबाजी अद्भुत थी, चाहे शानदार फुटवर्क हो, कट हो, फ्लिक हो, ड्राइव हो, या स्विप हो। हर शॉट में तकनीकि रूप से मिताली बेहद मजबूत थीं। वह टीम के लिए अकेले विकेट पर डटी रहती थीं।

यह वह दौर था जब महिला क्रिकेट में आर्थिक संपन्नता नहीं थी। क्रिकेटरों को इतने पैसे भी नहीं मिलते थे कि वह अपनी जिंदगी अच्छी तरह गुजार सकें। अभावों के बावजूद मिताली के मन में अपने खेल और देश के लिए बेहतर प्रदर्शन करने का जज्बा उन्हें उनके समय के बल्लेबाजों से काफी आगे ले गया। तीनों फॉर्मेट में मिताली ने अपनी क्षमता साबित की।

मिताली के नाम बल्लेबाजी के तमाम रिकॉर्ड दर्ज हैं।

मिताली राज के नाम महिला वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है। 1999 से 2022 के बीच 232 मैचों की 211 पारियों में 57 बार नाबाद रहते हुए 7 शतक और 64 अर्धशतक की मदद से उन्होंने 7,805 रन बनाए। उनका औसत 50.68 रहा। उनके नाम वनडे में सर्वाधिक अर्धशतक और लगातार 7 वनडे अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड है।

मिताली 200 वनडे खेलने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं।

मिताली टी20 में 2000 रन बनाने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं और पहली भारतीय खिलाड़ी हैं। 89 टी20 मैचों की 84 पारियों में 2,364 रन उनके नाम हैं। इस दौरान उन्होंने 17 अर्धशतक लगाए।

मिताली राज महिला टेस्ट क्रिकेट इतिहास में दोहरा शतक लगाने वाली सबसे युवा बल्लेबाज हैं। 2002 में मात्र 19 साल की आयु में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 214 रन बनाए थे। वह टेस्ट में दोहरा शतक लगाने वाली पहली महिला खिलाड़ी भी हैं।

मिताली ने 12 टेस्ट की 19 पारियों में 1 शतक और 4 अर्धशतक लगाते हुए 699 रन बनाए हैं।

मिताली राज का बतौर कप्तान भी शानदार रिकॉर्ड रहा है। मिताली ने 2004 से 2022 तक भारतीय टीम की कप्तानी की। इस दौरान 2005-2006 तक वह कप्तान नहीं रही थीं। वह दो वनडे विश्व कप फाइनल में कप्तानी करने वाली एकमात्र भारतीय कप्तान हैं। उनकी कप्तानी में 2004 और 2017 में भारतीय टीम फाइनल में पहुंची थी। हालांकि दोनों मौकों पर टीम को हार का सामना करना पड़ा था। 2017 फाइनल में भारतीय टीम इंग्लैंड से सिर्फ 9 रन से हारी थी। वह हार मिताली और भारतीय फैंस को आज भी कचोटती है। वह मौका था जब मिताली विश्व कप जीतने वाली पहली महिला कप्तान बन सकती थीं।

बतौर भारतीय कप्तान रिकॉर्ड 155 मैच उन्होंने खेले हैं।

मिताली ने 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 20 साल पूरे किए। ऐसा करने वाली वह पहली महिला क्रिकेटर थीं। 2022 में उन्होंने संन्यास ले लिया था। लगभग 23 साल लंबे करियर में बतौर बल्लेबाज और कप्तान उन्होंने बड़ी सफलता हासिल की। विश्व कप न जीत पाना उनके करियर का एक अधूरा किस्सा रहा।

मिताली के संन्यास के ठीक 3 साल बाद भारतीय टीम वनडे चैंपियन बनी है। भारतीय टीम ने जीत के बाद जब ट्रॉफी उठाई तो मिताली स्टेडियम में मौजूद थीं। मौजूदा टीम की खिलाड़ियों ने उन्हें ट्रॉफी दी और उन्होंने ट्रॉफी को उठाकर जश्न मनाया।

इस जीत में उनकी भी वर्षों की तपस्या रही है। उस दौर में जब पैसे नहीं के बराबर मिलते थे, से मौजूदा दौर तक जब महिला खिलाड़ियों को पुरुषों के बराबर पैसे मिलते हैं, तक के महिला क्रिकेट के सफर में मिताली का अहम योगदान रहा है।

भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार और मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा है। संन्यास के बाद मिताली महिला प्रीमियर लीग में गुजरात जायंट्स के साथ बतौर मेंटर दो साल तक जुड़ी रही हैं।

Point of View

NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

मिताली राज ने कब और कहाँ अपना पहला वनडे खेला?
मिताली राज ने 29 जून 1999 को आयरलैंड के खिलाफ अपना पहला वनडे खेला।
मिताली राज के पास कितने वनडे मैचों का अनुभव है?
मिताली राज के पास 232 वनडे मैचों का अनुभव है।
क्या मिताली राज ने महिला क्रिकेट में कोई पुरस्कार जीते हैं?
हां, मिताली राज को भारत सरकार ने पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार और मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा है।
मिताली राज का टेस्ट क्रिकेट में क्या रिकॉर्ड है?
मिताली राज ने 12 टेस्ट मैचों में 699 रन बनाए हैं जिसमें 1 शतक और 4 अर्धशतक शामिल हैं।
क्या मिताली राज ने किसी महिला प्रीमियर लीग में काम किया है?
हाँ, मिताली राज ने महिला प्रीमियर लीग में गुजरात जायंट्स के साथ बतौर मेंटर काम किया।
Nation Press