क्या मोनांक पटेल एक रेस्टोरेंट चलाने वाले भारतीय क्रिकेटर हैं जो अमेरिका के कप्तान बने?

सारांश
Key Takeaways
- मोनांक पटेल ने रेस्टोरेंट चलाने के बाद क्रिकेट में सफलता पाई।
- उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।
- उनकी मां की प्रेरणा ने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की।
- मोनांक का क्रिकेट करियर प्रेरणादायक है।
- वह अमेरिका की क्रिकेट टीम के कप्तान हैं।
नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। क्रिकेट में भारत एक सुपर पावर है, जहां क्रिकेट का जुनून धर्म की तरह माना जाता है और आज यह खेल पेशेवर स्तर पर नई ऊंचाईयों पर पहुंच चुका है। इस खेल की प्रतिस्पर्धा कहीं और नहीं देखी जाती। इस प्रतिस्पर्धा के कारण कई युवा प्रतिभाओं का सपना अधूरा रह जाता है। लेकिन कुछ जुनूनी प्रतिभाएं खुद को साबित कर देती हैं। अमेरिका में एक ऐसी ही प्रतिभा मोनांक पटेल हैं।
जब कभी आप उम्मीद खो देते हैं, तो चमत्कार होते हैं, और ऐसा ही एक चमत्कार मोनांक पटेल के साथ हुआ।
1 मई 1993 को आणंद (गुजरात) में जन्मे मोनांक बचपन से ही क्रिकेटर बनना चाहते थे। उनका सपना था कि वह एक दिन भारत के लिए खेलें।
विकेटकीपर-बल्लेबाज मोनांक ने अपने सपने को साकार करने के लिए गुजरात की अंडर-16 और अंडर-18 टीम में खेला। इस दौरान जसप्रीत बुमराह और अक्षर पटेल उनके साथ थे।
13 वर्ष की उम्र में मोनांक ने अंडर-15 टूर्नामेंट में आणंद जिला टीम का नेतृत्व किया। उन्होंने सूरत और भरूच के खिलाफ क्रमशः 144 और 166 रन बनाए।
मोनांक को 2010 में अमेरिका का ग्रीन कार्ड2016 में स्थायी रूप से अमेरिका चले गए।
वहां उन्होंने रेस्टोरेंट व्यवसाय में कदम रखा और 'टेरियाकी मैडनेस' नाम से एक चाइनीज रेस्टोरेंट खोला। लगभग दो साल तक, उन्होंने रेस्टोरेंट में 10-12 घंटे काम किया। लेकिन बिक्री कम होने के कारण उन्हें शेफ का काम भी करना पड़ गया।
एक ओर जहां व्यवसाय में मुनाफा नहीं था, वहीं दूसरी ओर मोनांक को अपनी मां की बीमारी का भी सामना करना पड़ा। इस स्थिति में उन्होंने रेस्टोरेंट बेचने का निर्णय लिया।
उनके बैंक खाते में मात्र 3000 डॉलरन्यू जर्सी लौटने का फैसला किया।
पूर्व अमेरिकी कोच पुबुदु दसनायके ने मोनांक की बल्लेबाजी का वीडियो देखा और प्रभावित होकर उन्हें कुछ मैच खेलने के लिए बुलाया। उनकी प्रतिभा ने उन्हें अमेरिकी टीम में जगह दिलाई।
साल 2019 में मोनांक को अमेरिका के लिए खेलने का मौका मिला और 2021 में उन्हें अमेरिकी पुरुष क्रिकेट टीम का कप्तान बना दिया गया। 13 सितंबर 2021 को नेपाल के खिलाफ उन्होंने शतकीय पारी खेली। जून 2022 में उन्होंने अपना दूसरा वनडे शतक बनाया। अगस्त 2024 में उन्होंने नाबाद 121 रन की पारी खेली।
मोनांक ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 67 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें 35.35 की औसत से 2,192 रन बनाए हैं। इस फॉर्मेट में उनके बल्ले से तीन शतक और 17 अर्धशतक निकले हैं।
वहीं, 43 टी20 मुकाबलों में उन्होंने 27.87 की औसत से 920 रन बनाए हैं। उन्होंने अमेरिका के लिए इस प्रारूप में एक शतक और छह अर्धशतक बनाए हैं।
लिस्ट-ए क्रिकेट में मोनांक का प्रदर्शन भी शानदार रहा है, उन्होंने 35.18 की औसत के साथ 2,850 रन बनाए हैं। इसमें चार शतक और 21 अर्धशतक शामिल हैं।
मोनांक पटेल अपने क्रिकेट करियर में मेजर लीग क्रिकेट में भी चमक बिखेर चुके हैं। फैंस को विश्वास है कि वह अगले आईपीएल सीजन में भी खेलते नजर आ सकते हैं।
उनकी मां ने दुनिया छोड़ने से पहले मोनांक से कहा था कि 'खेलते रहो और मेहनत करते रहो।' मोनांक ने इस सलाह को हमेशा के लिए अपने दिल में बसा लिया। कभी अमेरिका में रेस्टोरेंट चलाने वाले मोनांक आज उस देश के क्रिकेट कप्तान हैं।