क्या शार्दुल ठाकुर का क्रिकेट सफर 'पालघर एक्सप्रेस' से 'लॉर्ड शार्दुल' तक है?

सारांश
Key Takeaways
- शार्दुल ठाकुर का जन्म पालघर में हुआ था।
- उन्होंने 2021 में गाबा टेस्ट में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया।
- उनकी गेंदबाजी और बल्लेबाजी ने भारत को कई मैचों में जीत दिलाई।
- शार्दुल ने 8 साल के करियर में कई उपाधियाँ हासिल की हैं।
- उन्हें 'लॉर्ड शार्दुल' के नाम से भी जाना जाता है।
नई दिल्ली,15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऑलराउंडरों ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है, जिन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से टीम की जीत में योगदान दिया। कपिल देव, इरफान पठान, यूसुफ पठान, रवींद्र जडेजा, प्रवीण कुमार और युवराज सिंह जैसे दिग्गजों की इस सूची में एक नाम प्रमुखता से उभर कर सामने आता है- शार्दुल ठाकुर।
16 अक्टूबर 1991 को महाराष्ट्र के पालघर में जन्मे शार्दुल ने अपने आठ साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कई बार टीम इंडिया के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाई। 'पालघर एक्सप्रेस' के नाम से मशहूर इस क्रिकेटर का भारतीय टीम तक का सफर कठिनाइयों और मेहनत से भरा रहा। आइए, जानते हैं कि कैसे शार्दुल ठाकुर ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से 'लॉर्ड शार्दुल' की उपाधि हासिल की।
मुंबई से 87 किलोमीटर दूर पालघर में जन्मे शार्दुल ठाकुर हर रोज़ ट्रेनिंग के लिए इतनी दूरी तय करते थे। किशोरावस्था में अपना करियर बनाने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा और उन्हें लगभग 7 घंटे का सफर तय करना पड़ता था, और उनकी मेहनत रंग लाई है। 8 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में आज शार्दुल ठाकुर भारतीय क्रिकेट का एक चमकता सितारा है, जिसे लॉर्ड शार्दुल के नाम से फैंस प्यार से बुलाते हैं। अपनी गेंदबाजी के दम पर बल्लेबाजों को परेशान करने से लेकर बल्ले से कमाल दिखाने तक, शार्दुल ने क्रिकेट जगत में अपनी खास पहचान बनाई है।
एक इंटरव्यू में ठाकुर बताते हैं कि उन्हें अच्छा लगता है जब टीम के सदस्य उन्हें लॉर्ड शार्दुल बुलाते हैं। हालांकि, यह निकनेम उन्हें सोशल मीडिया के मीम्स से मिला। सोशल मीडिया पर मीम्स इतना वायरल हुआ कि टीम के बाकी सदस्य मुझे लॉर्ड बुलाने लगे। मुझे टीम के अन्य साथी अगर दूसरे निकनेम से भी बुलाते हैं तो मुझे अच्छा लगता है। ठाकुर ने अपने करियर में कई अच्छी पारियां और अच्छी गेंदबाजी से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।
उन्होंने 2021 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गाबा टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को अपनी स्विंग और सीम से परेशान किया। उनकी 67 रन की पारी और 7 विकेट उस टेस्ट में ऐतिहासिक थे। शार्दुल भले ही तेज गेंदबाज हों, लेकिन उनकी बल्लेबाजी ने कई बार भारत को मुश्किल से निकाला। 2021 के ओवल टेस्ट में उनकी 57 रन की ताबड़तोड़ पारी (36 गेंदों में) ने इंग्लैंड के खिलाफ भारत को मजबूत स्थिति में ला दिया था।
शार्दुल ठाकुर ने टेस्ट क्रिकेट के 13 मैचों की 21 पारियों में 377 रन बनाए, जिसमें उच्चतम स्कोर 67 रहा। टेस्ट में उनके बल्ले से 4 अर्धशतक, 46 चौके और 9 छक्के निकले। इस दौरान उन्होंने 22 विकेट भी लिए। वनडे इंटरनेशनल के 47 मैचों की 25 पारियों में 329 रन, उच्चतम स्कोर 50। वनडे क्रिकेट में 47 मैचों की 46 पारियों में 65 विकेट लिए। उन्होंने टी-20 क्रिकेट में 25 मैचों की 6 पारियों में 69 रन बनाए हैं। टी-20 क्रिकेट में 25 मैचों की 24 पारियों में 33 विकेट हासिल किए।
आईपीएल की 105 मैचों की 42 पारियों में 325 रन बनाए हैं, जिसमें उच्चतम स्कोर 68 है। इस दौरान उन्होंने 107 विकेट भी लिए।
शार्दुल ठाकुर ने साल 2017 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे डेब्यू किया था। ठाकुर ने 21 फरवरी 2018 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी-20 में डेब्यू किया। 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था।
शार्दुल ठाकुर एक ऑलराउंडर के रूप में भारतीय क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ चुके हैं। उनकी गेंदबाजी में तेजी और स्विंग के साथ-साथ निचले क्रम में उपयोगी बल्लेबाजी ने उन्हें विभिन्न प्रारूपों में महत्वपूर्ण बना दिया है।