क्या सिराज बन गए हैं 'इम्पैक्ट प्लेयर ऑफ द सीरीज', टेस्ट क्रिकेट को बताया 'पसंदीदा फॉर्मेट'?

सारांश
Key Takeaways
- मोहम्मद सिराज ने वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया।
- उन्होंने टेस्ट श्रृंखला में 2-0 से जीत हासिल की।
- सिराज का पसंदीदा फॉर्मेट टेस्ट क्रिकेट है।
- वे हमेशा अपनी टीम के साथियों का हौंसला बढ़ाते हैं।
- सिराज को 'इम्पैक्ट प्लेयर ऑफ द सीरीज' का पुरस्कार मिला।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में 2-0 से पूर्ण विजय प्राप्त की, जिसके उपरांत तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को 'इम्पैक्ट प्लेयर ऑफ द सीरीज' का सम्मान प्राप्त हुआ। सिराज ने इस श्रृंखला में वेस्टइंडीज के खिलाफ 10 विकेट हासिल किए।
पहले टेस्ट में 7 विकेट, जबकि दूसरे टेस्ट में 3 विकेट लेने वाले सिराज ने कहा, "सच कहूं तो, यह श्रृंखला बहुत शानदार रही। जब हम अहमदाबाद में खेले, तो तेज गेंदबाजों को कुछ सहायता मिली। दिल्ली में हमें कई ओवर फेंकने पड़े। मैंने जो भी विकेट लिया, वह पांच विकेट जैसा अनुभव रहा। एक तेज गेंदबाज के रूप में, जब मेहनत के बाद पुरस्कार मिलता है, तो आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। ड्रेसिंग रूम में 'इम्पैक्ट प्लेयर का अवॉर्ड' जीतने पर खुशी भी होती है।"
सिराज ने यह भी बताया कि टेस्ट क्रिकेट उनका पसंदीदा फॉर्मेट है। उन्हें हर छोटी उपलब्धि पर गर्व होता है। उन्होंने कहा, "किसी भी उपलब्धि के बाद, एक इंसान के नाते मुझे काफी गर्व महसूस होता है। मैं इसी प्रकार का प्रदर्शन बनाए रखने का प्रयास करूंगा, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट मेरी पसंदीदा विधा है। इसमें कई चुनौतियाँ होती हैं। आपको पूरे दिन मैदान पर रहना होता है। आपको शारीरिक और मानसिक रूप से मेहनत करनी होती है। यह बहुत अलग अनुभव है, लेकिन मुझे इससे गर्व होता है।"
'बीसीसीआई टीवी' द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में, भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज एन. जगदीशन ने ड्रेसिंग रूम में सिराज को उनका मेडल प्रदान किया।
सिराज को अद्वितीय खिलाड़ी बताते हुए एन. जगदीशन ने कहा, "इस श्रृंखला में कई शानदार प्रदर्शन हुए हैं, लेकिन अब चर्चा केवल एक ऐसे खिलाड़ी की है जिसने पूरी श्रृंखला में अद्भुत खेल दिखाया। वह खिलाड़ी जो हर बार गेंद फेंके जाने पर तेज़ी, साहस और आक्रामकता का परिचय देता है। हर बार जब वह मैदान पर उतरता है, तो उनका रवैया एक समान रहता है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जब भी मैदान पर अच्छा प्रदर्शन होता है, तो वह पहले व्यक्ति होते हैं जो सभी की पीठ थपथपाते हैं और उनका हौंसला बढ़ाते हैं।"