क्या पृथ्वी शॉ ने रणजी ट्रॉफी के इतिहास में दूसरा सबसे तेज 'दोहरा शतक' लगाया?
सारांश
Key Takeaways
- पृथ्वी शॉ ने 141 गेंदों में दूसरा सबसे तेज दोहरा शतक बनाया।
- उन्होंने 156 गेंदों में 222 रन बनाए।
- रणजी इतिहास में सबसे तेज दोहरा शतक रवि शास्त्री के पास है।
- महाराष्ट्र की टीम ने अपनी दूसरी पारी 359/3 पर घोषित की।
- इस मैच में विक्की ओस्तवाल ने 6 विकेट लिए।
चंडीगढ़, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने रणजी ट्रॉफी एलीट में दूसरा सबसे तेज दोहरा शतक जड़ने का नया रिकॉर्ड बनाया है। महाराष्ट्र की ओर से खेलते हुए शॉ ने चंडीगढ़ के खिलाफ अपनी दूसरी पारी में केवल 141 गेंदों में यह अद्भुत उपलब्धि हासिल की।
पृथ्वी शॉ ने 156 गेंदों में 5 छक्कों और 29 चौकों के साथ नाबाद 222 रन बनाए। रणजी के इतिहास में सबसे तेज दोहरा शतक लगाने के मामले में, शॉ से आगे केवल रवि शास्त्री हैं, जिन्होंने 1984-85 सीज़न में बड़ौदा के खिलाफ बॉम्बे के लिए खेलते हुए 123 गेंदों में दोहरा शतक पूरा किया था।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे तेज दोहरा शतक लगाने वाले भारतीयों में हैदराबाद के सलामी बल्लेबाज तन्मय अग्रवाल शीर्ष पर हैं, जिन्होंने जनवरी 2024 में रणजी ट्रॉफी प्लेट टूर्नामेंट के दौरान केवल 119 गेंदों में यह उपलब्धि प्राप्त की थी।
इस मैच में टॉस जीतकर चंडीगढ़ ने पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया। महाराष्ट्र की टीम अपनी पहली पारी में केवल 313 रन पर सिमट गई। इस पारी में ऋतुराज गायकवाड़ ने 163 गेंदों में 116 रन बनाए, जिसमें 15 चौके शामिल थे। अन्य खिलाड़ियों में, सौरभ नवाले ने 66 और अर्शिन कुलकर्णी ने 50 रन का योगदान दिया। विपक्षी खेमे से जगजीत सिंह और अभिषेक सैनी ने 3-3 विकेट लिए।
चंडीगढ़ की टीम ने पहले पारी में केवल 209 रन बनाए। रमन बिश्नोई ने 54 रन और निशंक बिड़ला ने नाबाद 56 रन बनाए। इस पारी में महाराष्ट्र की ओर से विक्की ओस्तवाल ने 6 विकेट लिए।
महाराष्ट्र की टीम ने शानदार लीड के साथ दूसरी पारी में बल्लेबाजी की। सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने अर्शिन के साथ पहले विकेट के लिए 73 रन की साझेदारी की। अर्शिन 31 रन बनाकर आउट हुए।
इसके बाद, शॉ ने सिद्धेश वीर के साथ दूसरे विकेट के लिए 197 रन जोड़े। सिद्धेश वीर ने 83 गेंदों में 62 रन बनाए। अंत में, महाराष्ट्र ने 359/3 के स्कोर पर अपनी दूसरी पारी घोषित की।