क्या सुप्रीम कोर्ट ने कारों में स्टार रेटिंग प्रणाली लागू करने की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार?

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क्या सुप्रीम कोर्ट ने कारों में स्टार रेटिंग प्रणाली लागू करने की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कारों में स्टार रेटिंग प्रणाली लागू करने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ता को सरकार से संपर्क करने की सलाह दी गई है। जानें इस मुद्दे पर कोर्ट का क्या कहना है और आगे की कार्रवाई क्या होगी।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने स्टार रेटिंग प्रणाली के लिए याचिका पर विचार नहीं किया।
  • याचिकाकर्ता ने वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों का उल्लेख किया।
  • सरकार को इस दिशा में कार्यवाही करने की सलाह दी गई है।
  • अन्य देशों में यह प्रणाली पहले से लागू है।
  • यह प्रणाली कार निर्माताओं को प्रेरित कर सकती है।

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कारों में स्टार रेटिंग प्रणाली लागू करने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सरकार के पास अपना पक्ष रखने की सलाह दी है। यह सुनवाई सोमवार को मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई की बेंच ने की।

याचिकाकर्ता डॉक्टर संजय कुलश्रेष्ठ ने दलील दी कि वायु प्रदूषण के कारण भारत में हर साल करीब 21 लाख लोगों की मौत होती है। उन्होंने मांग की कि सरकार को सभी यात्री कारों में ईंधन दक्षता और सीओ2 उत्सर्जन के आधार पर स्टार रेटिंग प्रणाली लागू करने का निर्देश दिया जाए।

याचिका में कहा गया कि विकसित देशों में यह व्यवस्था पहले से है, जहां वायु प्रदूषण भारत जितना गंभीर नहीं है। डॉ. कुलश्रेष्ठ का कहना था कि यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने में मददगार होगा।

हालांकि, मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि यह मामला सरकार की नीति के दायरे में आता है, इसलिए कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा।

सीजेआई ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता को भारत सरकार के सामने अपनी बात रखनी चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर सरकार इस मुद्दे पर विचार करती है, तो उस पर जल्द निर्णय लिया जा सकता है।

याचिका में दलील दी गई थी कि पर्यावरण अनुकूल रेटिंग प्रणाली से कार निर्माताओं को कम प्रदूषण वाली गाड़ियां बनाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।

यह व्यवस्था यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में पहले से लागू है, जहां वायु गुणवत्ता बेहतर है। याचिकाकर्ता का मानना था कि भारत में भी इसकी जरूरत है, क्योंकि वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का आंकड़ा चिंताजनक है।

कोर्ट के फैसले के बाद डॉ. कुलश्रेष्ठ ने कहा कि वे अब सरकार से संपर्क करेंगे और इस मुद्दे को उठाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार इस दिशा में कदम उठाती है, तो यह वाहन उद्योग और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी हो सकता है।

कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को इस मामले में जल्द कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि जनता की सेहत और पर्यावरण की रक्षा हो सके। मामले पर आगे की कार्रवाई अब सरकार के हाथ में है।

Point of View

ताकि हम अपने देश के नागरिकों की सेहत और पर्यावरण की रक्षा कर सकें।
NationPress
27/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या सुप्रीम कोर्ट ने स्टार रेटिंग प्रणाली लागू करने की याचिका पर विचार किया?
नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है।
याचिकाकर्ता ने क्या दलीलें दी थीं?
याचिकाकर्ता ने बताया कि वायु प्रदूषण के कारण हर साल 21 लाख लोगों की मौत होती है।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को क्या सलाह दी?
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सरकार के पास अपना पक्ष रखने की सलाह दी है।
क्या यह प्रणाली अन्य देशों में लागू है?
हां, यह प्रणाली यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में पहले से लागू है।
सरकार को इस मामले में क्या करना चाहिए?
सरकार को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए ताकि जनता की सेहत और पर्यावरण की सुरक्षा हो सके।