क्या प्रो रेसलिंग लीग पहलवानों की उम्मीदों को पंख देगी?
सारांश
Key Takeaways
- प्रो रेसलिंग लीग भारतीय पहलवानों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
- यह लीग वैश्विक पहचान दिलाने में मदद करती है।
- ओलंपिक चैंपियनों का इसमें शामिल होना युवा पहलवानों को प्रेरित करता है।
- लीग का अगला सीजन 2026 में होगा, जो पहलवानों के लिए नया अवसर है।
- इनामी राशि का बढ़ना खेल की गंभीरता को दर्शाता है।
नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कुश्ती भारत का एक प्राचीन खेल माना जाता है, जिसका उल्लेख हमारे पुराणों में भी मिलता है। समय के साथ यह पारंपरिक खेल अब वैश्विक स्तर पर फैल चुका है। भारतीय पहलवानों का दबदबा पूरे विश्व में देखा जा रहा है, और कॉमनवेल्थ गेम्स तथा ओलंपिक में उनके द्वारा अर्जित पदक इस बात की पुष्टि करते हैं।
कुश्ती में भाग लेने वाले अधिकांश पहलवान ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं, और जब उनकी पहचान राष्ट्रव्यापी नहीं बन पाती, तो वे आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हैं। इस समस्या को सुलझाने और पहलवानों को अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने का मौका देने के लिए, भारतीय कुश्ती संघ ने प्रो रेसलिंग लीग की स्थापना की थी।
इस लीग की शुरुआत 2015 में प्रोस्पोर्टिफाई और भारतीय कुश्ती संघ द्वारा की गई थी। इस पहल ने देश में कुश्ती के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाई थी। प्रो रेसलिंग लीग भारतीय पहलवानों को वैश्विक एक्सपोजर प्रदान करती है। इस लीग में ओलंपिक चैंपियन व्लादिमीर खिंचेंगाशविली (जॉर्जिया), हेलेन मारौलिस (अमेरिका), और सोस्लान रमनोव (रूस) जैसे दिग्गज खेल चुके हैं। इन महान खिलाड़ियों की उपस्थिति ने युवा भारतीय पहलवानों को बड़े स्तर पर यादगार प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। बजरंग पुनिया अपने ओलंपिक कांस्य पदक का श्रेय भी इस लीग को देते हैं।
लीग में फ्रीस्टाइल (पुरुष) और फ्रीस्टाइल वुमेंस (महिला) श्रेणियाँ शामिल हैं, जो यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के नियमों का पालन करती हैं।
2015 में पहले सीजन में महाराष्ट्र स्टॉम्पर्स, दिल्ली डायनामोज, मुंबई महारथी, पंजाब रॉयल्स, हरियाणा हैमर्स, और यूपी योद्धा के रूप में छह फ्रेंचाइजी ने भाग लिया। 2019 में लीग का आखिरी सीजन खेला गया था। प्रोस्पोर्टिफाई और भारतीय कुश्ती संघ के बीच वित्तीय विवाद और कोविड की वजह से लीग का संचालन 2019 के बाद से नहीं हो सका है। लेकिन, भारतीय कुश्ती संघ ने लीग को पुनः आरंभ करने की घोषणा की है। अगला सीजन जनवरी 2026 में खेला जा सकता है।
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह का मानना है कि लीग की शुरुआत भारतीय पहलवानों का उत्साह बढ़ाएगी और उन्हें ओलंपिक जैसे बड़े मंचों पर देश के लिए पदक जीतने के लिए तैयार करेगी।
पहले सीजन में इनामी राशि 15 करोड़ रखी गई थी, जिसे बढ़ाकर 20 करोड़ किया गया था।