क्या ऋषभ पंत सबसे महान विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में जाने जाएंगे? : मनोज तिवारी

सारांश
Key Takeaways
- ऋषभ पंत की बल्लेबाजी शैली अद्वितीय है।
- मनोज तिवारी का मानना है कि पंत महान विकेटकीपर बन सकते हैं।
- पंत ने 416 रन बनाए हैं।
- शुभमन गिल की तकनीकी सुधार ने उनकी बल्लेबाजी को बेहतर किया है।
- जसप्रीत बुमराह ने 5 विकेट लिए हैं।
कोलकाता, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज मनोज तिवारी ने ऋषभ पंत की खुलकर प्रशंसा की है। तिवारी का मानना है कि यदि पंत अपनी बल्लेबाजी शैली को बनाए रखते हैं, तो वह भविष्य में इतिहास के सबसे महान विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में जाने जाएंगे।
राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में मनोज तिवारी ने कहा, "ऋषभ पंत अद्वितीय हैं, उनकी खेलने की शैली बिल्कुल अलग है। उनका दृष्टिकोण अन्य बल्लेबाजों से भिन्न है। कभी-कभी वह अपना विकेट गंवा देते हैं, जिसके कारण उन पर आलोचना होती है, लेकिन उनकी सक्सेस रेट बहुत अधिक है।"
उन्होंने कहा कि एडम गिलक्रिस्ट जैसे कुछ बेहतरीन विकेटकीपर रहे हैं, जो स्टंप के पीछे और बल्ले से उत्कृष्ट रहे हैं। हमारे पास एमएस धोनी जैसे खिलाड़ी भी रहे हैं। लेकिन, मेरा मानना है कि यदि पंत अपनी शैली के अनुसार खेलते रहें, तो उन्हें इतिहास के सबसे महान विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में मान्यता मिलेगी।
ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के साथ चल रही पांच टेस्ट मैचों की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में अब तक शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने पाँच पारियों में दो शतक और दो अर्धशतक सहित कुल 416 रन बनाए हैं।
मनोज तिवारी ने भारतीय कप्तान शुभमन गिल की भी सराहना की। उन्होंने कहा, "गिल बहुत अच्छे फॉर्म में हैं। उन्होंने कुछ तकनीकी परिवर्तन किए हैं। पहले वह अंदर आती गेंदों पर बोल्ड हो जाते थे, लेकिन अब उन्होंने बल्ले और गेंद के बीच के अंतर को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया है। इसका फायदा यह है कि वह सीधे विकेट पर खेल पा रहे हैं। वह अब नियंत्रण में हैं। यह देखना सुखद है कि एक युवा बल्लेबाज टीम की कमान संभाल रहा है।"
लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में 5 विकेट लेने वाले जसप्रीत बुमराह की भी तिवारी ने तारीफ की।
उन्होंने कहा, "जब बुमराह खेलते हैं, तो वह अक्सर मैदान पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हैं। उनकी फॉर्म देखकर लगता है कि वह बल्लेबाजों को परेशान करते रहेंगे। गेंद के साथ उनकी क्षमता और मैदान पर उनका आईक्यू कमाल का है। वह सभी प्रारूपों में भारत के मुख्य खिलाड़ी रहे हैं। जब वह टीम में होते हैं, तो आत्मविश्वास और भी बढ़ जाता है।"