क्या रोजर बिन्नी भारत के पहले 'एंग्लो इंडियन क्रिकेटर' हैं, जिन्होंने देश को 'वर्ल्ड कप' दिलाया?

सारांश
Key Takeaways
- रोजर बिन्नी ने 1983 में भारत को वनडे विश्व कप दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उन्होंने टेस्ट और वनडे फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन किया।
- रोजर बिन्नी का योगदान युवा क्रिकेटरों के विकास में भी महत्वपूर्ण रहा।
- वह पहले एंग्लो-इंडियन क्रिकेटर हैं जो भारतीय क्रिकेट में प्रसिद्ध हुए।
- उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी भी एक सफल क्रिकेटर हैं।
नई दिल्ली, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। रोजर बिन्नी क्रिकेट के इतिहास में पहले 'एंग्लो-इंडियन क्रिकेटर' के रूप में जाने जाते हैं। उनका जन्म 19 जुलाई 1955 को बेंगलुरु में हुआ। एक ऑलराउंडर के तौर पर रोजर बिन्नी ने टेस्ट और वनडे फॉर्मेट में अपनी अहमियत साबित की।
लंबे कद के साथ, रोजर बिन्नी अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए प्रसिद्ध थे और गेंद को दोनों ओर स्विंग कराने की क्षमता रखते थे। उनकी फील्डिंग भी उल्लेखनीय थी।
रोजर बिन्नी ने 1977-78 में केरल के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में संजय देसाई के साथ पहले विकेट के लिए 451 रन की अटूट साझेदारी की, जिसमें उन्होंने 211 रन बनाए। इस पारी ने उन्हें भारतीय क्रिकेट में एक शानदार पहचान दिलाई।
साल 1979 में, रोजर बिन्नी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला।
सितंबर 1983 में, पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 83 रन बनाते हुए उन्होंने मदान लाल के साथ सातवें विकेट के लिए 155 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की। उनकी इस पारी ने भारत को टेस्ट मैच में शानदार जीत दिलाई।
रोजर बिन्नी का योगदान वनडे विश्व कप-1983 में अद्वितीय था, जहां उन्होंने 18 विकेट लिए, जो उस समय का रिकॉर्ड था।
उन्होंने 27 टेस्ट की 38 पारियों में 47 विकेट और 72 वनडे में 77 विकेट लिए। इसके अलावा, टेस्ट फॉर्मेट में उन्होंने 830 रन और वनडे में 629 रन बनाए।
रोजर बिन्नी ने अक्टूबर 1987 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला और बाद में युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने का कार्य किया। उन्हें 2000 में श्रीलंका में अंडर-19 विश्व कप को जीताने का श्रेय दिया जाता है।
साल 2007 में, उन्हें बंगाल का कोच और 2012 में राष्ट्रीय चयनकर्ता बनाया गया। 2022 में, रोजर बिन्नी को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष चुना गया।
उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी ने भी क्रिकेट को अपनाया और भारत की ओर से छह टेस्ट, 14 वनडे और तीन टी20 मैच खेले।