क्या तन्वी शर्मा 17 साल में पदक पक्का करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गईं?

सारांश
Key Takeaways
- तन्वी शर्मा ने 17 साल में पदक पक्का किया।
- उन्होंने जापान की साकी मात्सुमोतो को हराया।
- उनका अगला मुकाबला चीन की लियू सी या से होगा।
- यह भारतीय बैडमिंटन के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।
गुवाहाटी, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तन्वी शर्मा ने 17 साल की उम्र में 2025 बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर चैंपियनशिप में पदक पक्का करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनने का गौरव प्राप्त किया है। उन्होंने शुक्रवार को नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में जापान की साकी मात्सुमोतो को हराकर लड़कियों के एकल सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
16 वर्षीय तन्वी ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी अपना धैर्य बनाए रखा और अपने क्रॉस-कोर्ट स्लाइस हिट्स से शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 47 मिनट तक चले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मात्सुमोतो को 13-15, 15-9, 15-10 से हराया, जिससे दर्शकों में उत्साह की लहर दौड़ गई।
पिछले विश्व जूनियर पदक विजेता भारतीय महिला खिलाड़ी साइना नेहवाल थीं, जिन्होंने 2008 में पुणे में स्वर्ण पदक जीता था। साइना के अलावा, अपर्णा पोपट (1996 रजत) ने भी प्रतियोगिता के इतिहास में पोडियम पर पहुंचकर भारतीय महिलाओं का मान बढ़ाया।
शीर्ष वरीयता प्राप्त तन्वी, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में बैडमिंटन एशिया जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था, ने आक्रामक शुरुआत की और 10-6 की बढ़त बना ली। लेकिन कुछ गलतियों ने मात्सुमोतो को वापसी का मौका दिया और जापानी खिलाड़ी ने लगातार सात अंक जीतकर बढ़त बनाई। भारतीय खिलाड़ी ने बढ़त तो बना ली, लेकिन गेम हारने से नहीं बच सकीं।
यूएस ओपन की फाइनलिस्ट दूसरे गेम में अपने शॉट चयन को लेकर अधिक आत्मविश्वास से भरी थीं और उन्होंने 15-9 से जीत हासिल की। हालाँकि, तीसरे गेम की शुरुआत में गलतियों ने उन्हें एक बार फिर पीछे धकेल दिया और मुकाबला गंवाना पड़ा।
तन्वी का अगला मुकाबला चीन की लियू सी या से होगा। चीनी खिलाड़ी ने दूसरे क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका की रानीथमा लियानागे को 15-9, 15-6 से हराया।