क्या 112 वित्तीय संस्थान और 2.2 अरब से अधिक खाते 'अकाउंट एग्रीगेटर' फ्रेमवर्क पर उपलब्ध हैं?

सारांश
Key Takeaways
- 112 वित्तीय संस्थान अब अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क पर सक्रिय हैं।
- 2.2 अरब से अधिक वित्तीय खाते इस प्रणाली का हिस्सा हैं।
- यह फ्रेमवर्क सुरक्षित और सहमति-आधारित डेटा साझाकरण की अनुमति देता है।
- जी20 में इसकी भूमिका को मान्यता दी गई है।
- यह एमएसएमई को फॉर्मल क्रेडिट एक्सेस में सहायता करेगा।
नई दिल्ली, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी कि कम से कम 112 वित्तीय संस्थान अब अकाउंट एग्रीगेटर (एए) फ्रेमवर्क पर फाइनेंशियल इंफोर्मेशन प्रोवाइडर्स (एफआईपी) और फाइनेंशियल इंफोर्मेशन यूजर्स (एफआईयू) दोनों के रूप में सक्रिय हो गए हैं। इसके अलावा, 56 संस्थान केवल एफआईपी के रूप में और 410 एफआईयू के रूप में कार्यरत हैं।
मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि एए फ्रेमवर्क के माध्यम से अब 2.2 अरब से अधिक वित्तीय खाते सुरक्षित और सहमति-आधारित डेटा साझाकरण के लिए सक्षम हो गए हैं। इनमें से 112.34 मिलियन उपयोगकर्ता पहले ही अपने खातों को लिंक कर चुके हैं, जो इस परिवर्तनकारी पहल में बढ़ते पैमाने और विश्वास को दर्शाता है।
इस फ्रेमवर्क को आधिकारिक तौर पर 2 सितंबर, 2021 को लॉन्च किया गया था, जिसने वित्तीय डेटा साझा करने के लिए एक सुरक्षित और सहमति-आधारित प्रणाली स्थापित की।
2016 में, भारतीय रिजर्व बैंक ने एए इकोसिस्टम के लिए मास्टर निर्देश जारी किए थे।
एए फ्रेमवर्क उपयोगकर्ताओं को उनकी वित्तीय जानकारी (जैसे बैंक खाते, निवेश, ऋण आदि) को विभिन्न स्रोतों से एकत्रित करने और ऋण आवेदन या वित्तीय योजना जैसी सेवाओं के लिए सेवा प्रदाताओं (जैसे ऋणदाता, धन प्रबंधक) के साथ साझा करने की अनुमति देता है।
एए एन्क्रिप्टेड, अनुमति-संचालित डेटा साझाकरण के माध्यम से डेटा गोपनीयता और उपयोगकर्ता नियंत्रण सुनिश्चित करता है और मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है।
2023 में जी20 भारत की अध्यक्षता के दौरान, एए को एक आधारभूत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के रूप में मान्यता दी गई थी। यह पहचान (आधार) और भुगतान (यूपीआई) परतों का पूरक है।
एए की भूमिका और प्रभाव को प्रमुख जी20 दस्तावेजों में स्वीकार किया गया है, जिनमें "डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से वित्तीय समावेशन और उत्पादकता लाभ को आगे बढ़ाने के लिए नीतिगत सिफारिशें" (2023) शामिल हैं। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारत के जी20 टास्क फोर्स की रिपोर्ट (जुलाई 2024) में भी इसके महत्व का विस्तृत विवरण दिया गया है।
मंत्रालय ने कहा, "तब से, यह इकोसिस्टम तेजी से विकसित हुआ है और बैंकिंग, सिक्योरिटीज, बीमा और पेंशन क्षेत्रों में इसे तेजी से अपनाया जा रहा है, जिससे भारत का डीपीआई मजबूत हो रहा है।"
एए इकोसिस्टम फॉर्मल क्रेडिट एक्सेस में विशेष रूप से एमएसएमई और व्यक्तिगत ऋण के लिए नए आयाम खोलने के लिए तैयार है, जो 2047 में विकसित भारत की ओर भारत की यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान देगा।