क्या 15 नवंबर से ऑनलाइन कंटेंट पर नियंत्रण के लिए नई गाइडलाइन लागू होंगी?

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क्या 15 नवंबर से ऑनलाइन कंटेंट पर नियंत्रण के लिए नई गाइडलाइन लागू होंगी?

सारांश

केंद्र सरकार ने डिजिटल मीडिया से संबंधित नई गाइडलाइंस की घोषणा की है, जो 15 नवंबर से प्रभावी होंगी। यह कदम ऑनलाइन कंटेंट पर नियंत्रण को और सख्त बनाने के लिए उठाया गया है। जानिए इन गाइडलाइंस में क्या बदलाव किए गए हैं और उनका प्रभाव क्या होगा।

Key Takeaways

  • नई गाइडलाइंस 15 नवंबर से लागू होंगी।
  • इंटरमीडियरी को 36 घंटों के भीतर अवैध कंटेंट हटाना होगा।
  • समीक्षा प्रक्रिया हर महीने होगी।
  • लिखित सूचना देने वाले अधिकारी का स्तर संयुक्त सचिव से कम नहीं होना चाहिए।
  • कानूनी आधार का स्पष्ट विवरण होगा।

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) 2000 में संशोधन करते हुए इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड 2021 में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी की गई नई अधिसूचना के अनुसार, यह संशोधन 15 नवंबर 2025 से लागू होगा।

सरकार का यह कदम देश की संप्रभुता, अखंडता, राज्य की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और शालीनता से संबंधित ऑनलाइन कंटेंट पर नियंत्रण को और अधिक सख्त बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

अधिसूचना के अनुसार, आईटी रूल्स 2021 के रूल 3(1)(डी) को पूरी तरह से नवीनीकरण किया गया है।

अब किसी भी इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म (जैसे कि सोशल मीडिया, वेबसाइट, ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर आदि) पर यदि कोई जानकारी, फोटो, वीडियो या कंटेंट जो किसी कानून के तहत निषिद्ध है, पाई जाती है।

नई गाइडलाइंस के अनुसार, यदि किसी इंटरमीडियरी को यह वास्तविक जानकारी मिलती है कि उसके प्लेटफॉर्म पर कोई गैरकानूनी या प्रतिबंधित कंटेंट है, तो उसे 36 घंटों के भीतर उसे हटाना होगा।

यह 'वास्तविक जानकारी' दो स्थितियों में मानी जाएगी: पहला, किसी सक्षम न्यायालय के आदेश से; और दूसरा, सरकार या उसकी अधिकृत एजेंसी द्वारा जारी की गई लिखित सूचना के जरिए।

यह सूचना केवल ऐसा अधिकारी दे सकेगा जो संयुक्त सचिव या उसके समकक्ष पद पर हो। यदि राज्य सरकार से जारी की जा रही है, तो वह अधिकारी डायरेक्टर या समकक्ष पद का होना चाहिए।

यदि यह सूचना पुलिस प्रशासन से दी जा रही है, तो अधिकारी का पद उप पुलिस महानिरीक्षक से नीचे नहीं होना चाहिए और उसे राज्य सरकार द्वारा विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए अधिकृत किया जाना चाहिए।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी लिखित सूचनाओं की हर महीने समीक्षा की जाएगी।

यह समीक्षा संबंधित विभाग के सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी आदेश आवश्यक, संतुलित और कानून की भावना के अनुरूप हैं।

किसी भी लिखित सूचना में यह विवरण स्पष्ट रूप से बताया जाएगा कि किस कानूनी आधार और अधिनियम की धारा के तहत कार्रवाई की जा रही है, किस प्रकार का अवैध कार्य हुआ है और किस यूआरएल या डिजिटल लिंक को हटाना या ब्लॉक करना है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सरकार का यह कदम ऑनलाइन कंटेंट पर नियंत्रण को और अधिक सख्त बनाने के लिए आवश्यक है। हालांकि, यह भी ध्यान रखना चाहिए कि स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के अधिकार की रक्षा भी महत्वपूर्ण है। इसलिए, सरकार को संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

नई गाइडलाइंस का मुख्य उद्देश्य क्या है?
नई गाइडलाइंस का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन कंटेंट पर नियंत्रण को सख्त बनाना है, जिससे संप्रभुता और सार्वजनिक व्यवस्था की रक्षा की जा सके।
इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म पर अवैध कंटेंट की पहचान कैसे होगी?
यदि किसी इंटरमीडियरी को वास्तविक जानकारी मिलती है तो उसे अवैध कंटेंट को 36 घंटों के भीतर हटाना होगा।
कौन सी एजेंसी इस प्रक्रिया की निगरानी करेगी?
सरकार की अधिकृत एजेंसियां और सचिव स्तर के अधिकारी इस प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
क्या इन गाइडलाइंस के खिलाफ आपत्ति उठाई जा सकती है?
हाँ, यदि कोई गाइडलाइन अन्यायपूर्ण लगती है, तो संबंधित अधिकारी या न्यायालय में आपत्ति उठाई जा सकती है।
क्या यह गाइडलाइंस केवल सोशल मीडिया के लिए हैं?
नहीं, ये गाइडलाइंस सभी इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म्स पर लागू होंगी, जिसमें वेबसाइट और ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर भी शामिल हैं।