क्या 18वीं सार्वजनिक उपक्रम समिति ने संसद में 5 रिपोर्टें पेश की?

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क्या 18वीं सार्वजनिक उपक्रम समिति ने संसद में 5 रिपोर्टें पेश की?

सारांश

18वीं सार्वजनिक उपक्रम समिति ने संसद में 5 महत्वपूर्ण रिपोर्टें प्रस्तुत की हैं, जिसमें भारत के प्रमुख उपक्रमों का विस्तृत परीक्षण शामिल है। क्या इन रिपोर्टों से सरकारी उपक्रमों के भविष्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा? जानिए इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • समिति का गठन सार्वजनिक उपक्रमों की निगरानी के लिए किया गया है।
  • पेश की गई रिपोर्टें प्रमुख उपक्रमों का ऑडिट करती हैं।
  • समिति सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सुधार के लिए प्रयासरत है।
  • बैजयंत जय पांडा इस समिति के अध्यक्ष हैं।
  • समिति ने रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है।

नई दिल्ली, १२ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और केंद्रपाड़ा से सांसद बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व में १८वीं सार्वजनिक उपक्रम समिति (सीओपीयू) ने मंगलवार को संसद में ५ रिपोर्टें प्रस्तुत कीं। इनमें शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) समेत पांच रिपोर्टें शामिल हैं।

१८वीं लोकसभा में बैजयंत पांडा की अध्यक्षता में गठित सार्वजनिक उपक्रमों संबंधी समिति ने मंगलवार को संसद में ५ रिपोर्ट प्रस्तुत कीं। इनमें शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और बीएसएनएल से संबंधित दो ऑडिट परीक्षण, साथ ही भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल), भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी), और बीएसएनएल की व्यापक जांच पर तीन कार्रवाई रिपोर्टें शामिल हैं।

इसके अलावा, चालू वर्ष के लिए समिति ने रक्षा, परमाणु ऊर्जा, शिपिंग और ऊर्जा क्षेत्रों के प्रमुख केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसयू) को विस्तृत परीक्षण के लिए चुना है।

साथ ही, समिति इस वर्ष नागरिक उड्डयन क्षेत्र में संचालित सीपीएसयू की समीक्षा को एक अन्य प्रमुख अध्ययन विषय के रूप में अपनाएगी।

इससे पहले, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और केंद्रपाड़ा से सांसद बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व में १८वीं सार्वजनिक उपक्रम समिति (सीओपीयू) ने संसद में चार रिपोर्टें पेश की थीं।

इनमें औद्योगिक वित्त निगम लिमिटेड (आईएफसीआई) और आईआरईएल (इंडिया) लिमिटेड (पूर्व में इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड) पर दो व्यापक परीक्षण रिपोर्टें, साथ ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में डिजाइन और विकास (डीएंडडी) और मंत्रालयों या विभागों द्वारा सीएजी पैराग्राफ या रिपोर्ट (वाणिज्यिक) पर समय पर कार्रवाई नोट्स (एटीएनएस) की समीक्षा पर दो ऑडिट रिपोर्टें शामिल हैं।

पांडा की अध्यक्षता में १८वीं सार्वजनिक उपक्रम समिति (सीओपीयू) ने संसदीय निरीक्षण में लगातार नए मानक स्थापित किए हैं। १८ दिसंबर २०२४ को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई, जब समिति ने एक ही दिन में आठ रिपोर्टें प्रस्तुत की थीं।

सार्वजनिक उपक्रम समिति भारत की संसद की एक स्थायी वित्तीय समिति है। इसका मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की रिपोर्टों, खातों और कार्यप्रणाली की जांच करना है। यह समिति लोकसभा के नियमों और कार्य संचालन की चौथी अनुसूची के तहत कार्य करती है।

वर्तमान में केंद्रपाड़ा से सांसद बैजयंत जय पांडा इस समिति के अध्यक्ष हैं।

Point of View

यह रिपोर्टें सरकारी उपक्रमों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। समिति का यह प्रयास निश्चित रूप से भारत के आर्थिक विकास में योगदान देगा और जनता के विश्वास को मजबूत करेगा।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

18वीं सार्वजनिक उपक्रम समिति का मुख्य उद्देश्य क्या है?
यह समिति सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की रिपोर्टों, खातों और कार्यप्रणाली की जांच करती है।
बैजयंत जय पांडा कौन हैं?
वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और केंद्रपाड़ा से सांसद हैं, जो इस समिति के अध्यक्ष हैं।
संसद में पेश की गई रिपोर्टों में क्या शामिल है?
रिपोर्टों में शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, बीएसएनएल और अन्य प्रमुख उपक्रमों से संबंधित ऑडिट परीक्षण शामिल हैं।
समिति ने किस क्षेत्र को विस्तृत परीक्षण के लिए चुना है?
समिति ने रक्षा, परमाणु ऊर्जा, शिपिंग और ऊर्जा क्षेत्रों को विस्तृत परीक्षण के लिए चुना है।
क्या समिति ने पहले भी रिपोर्टें पेश की हैं?
हाँ, समिति पहले भी कई रिपोर्टें पेश कर चुकी है, जिनमें महत्वपूर्ण उपक्रमों का विस्तृत विश्लेषण शामिल है।