क्या पीएम मोदी समेत सांसदों ने 2001 के संसद आतंकी हमले में शहीद सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि दी?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने शहीद सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि दी।
- आतंकवादी हमले में 9 लोगों की जान गई।
- सुरक्षाबलों ने सभी आतंकवादियों को मार गिराया था।
- यह हमला 2001 में हुआ था और इसकी 24वीं बरसी मनाई गई।
- कई प्रमुख राजनीतिक नेता इस अवसर पर उपस्थित थे।
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई अन्य सांसदों ने शनिवार को संसद में 2001 के आतंकी हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
13 दिसंबर, 2001 को, जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने संसद परिसर को निशाना बनाया था, जिसमें दिल्ली पुलिस के छह जवान, संसद सुरक्षा सेवा के दो सदस्य और एक माली शहीद हो गए थे। हमले के दौरान सुरक्षाबलों ने सभी पांच आतंकवादियों को मार गिराया था।
भारत ने शनिवार को इस घातक हमले की 24वीं बरसी मनाई।
उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन भी आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए संसद परिसर में उपस्थित हुए। श्रद्धांजलि समारोह में कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे, जिनमें केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, पीयूष गोयल, जितेंद्र सिंह और अर्जुन राम मेघवाल, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और अन्य सांसद शामिल थे।
13 दिसंबर, 2001 को, जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने गृह मंत्रालय और संसद के फर्जी लेबल वाली कार में संसद परिसर में प्रवेश किया था। घटना से लगभग 40 मिनट पहले ही राज्यसभा और लोकसभा दोनों को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन उस समय के गृह मंत्री एल.के. आडवाणी और तत्कालीन रक्षा राज्य मंत्री हरिन पाठक सहित कई सांसद और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बिल्डिंग के अंदर मौजूद थे।
आतंकवादी अपने वाहन पर नकली पहचान स्टिकर का इस्तेमाल करते हुए, एके-47 राइफल, ग्रेनेड लॉन्चर, पिस्तौल और हैंड ग्रेनेड से लैस थे।
सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की कांस्टेबल कमलेश कुमारी पहली सुरक्षाकर्मी थीं जिन्होंने आतंकियों को देखा और अलार्म बजाया।
हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। गोलीबारी के दौरान, एक बंदूकधारी का सुसाइड वेस्ट उसके मारे जाने के बाद फट गया, जबकि बाकी चार आतंकवादी भी सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए।
परिसर में मौजूद सभी मंत्री और सांसद सुरक्षित बच गए। कुल मिलाकर, इस हमले में नौ लोग मारे गए, जबकि कम से कम 17 अन्य घायल हुए थे।