क्या 2025 में महिलाएं वैश्विक पटल पर छा गईं?

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क्या 2025 में महिलाएं वैश्विक पटल पर छा गईं?

सारांश

2025 में कई महिलाएं वैश्विक राजनीति में प्रभावशाली बनकर उभरीं। सानाए ताकाइची से लेकर मारिया कोरिना मचाडो तक, इन महिलाओं ने अपने-अपने देशों में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए और नई बहसों को जन्म दिया। क्या उनका नेतृत्व भविष्य की राजनीति को प्रभावित करेगा?

Key Takeaways

  • महिला नेतृत्व का उदय एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
  • सानाए ताकाइची ने जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया।
  • मारिया कोरीना मचाडो की कहानी संघर्ष और सफलता का प्रतीक है।
  • नेटुम्बो नंदी-नदैतवा ने नामीबिया की पहली महिला राष्ट्रपति बनकर इतिहास रचा।
  • गजाला हाशमी ने वर्जीनिया में भारतीय मूल की पहली महिला लेफ्टिनेंट गवर्नर बनकर नई मिसाल कायम की।

नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वैश्विक राजनीति और सार्वजनिक जीवन में कभी-कभी कुछ नाम ऐसे उभरते हैं जो योजनाबद्ध प्रचार से नहीं, बल्कि घटनाओं की तीव्रता से सुर्खियों में आ जाते हैं। जापान में सख्त राष्ट्रवादी रुख के कारण बार-बार चर्चा में रहीं सानाए ताकाइची से लेकर वेनेजुएला की सत्ता-विरोधी राजनीति की प्रतीक बन चुकी मारिया कोरीना मचाडो तक, इन महिलाओं की मौजूदगी ने अपने-अपने देशों की राजनीति को नया मोड़, नई बहस और नया विमर्श दिया। कहीं नेतृत्व की दौड़ ने उन्हें खबरों में ला खड़ा किया, कहीं विरोध, प्रतिबंध या चुनावी टकराव ने।

सानाए ताकाइची ने जापान की राजनीति में नया अध्याय जोड़ा। अक्टूबर में इस देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। राजनीतिक विचारधारा में बेहद रूढ़िवादी ताकाइची, सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रैटिक पार्टी (एलडीपी) की नेता हैं, एक ऐसी पार्टी जो नवंबर 1955 में गठन के बाद से अब तक, एक संक्षिप्त अवधि को छोड़कर, ज्यादातर यही पार्टी जापान की सत्ता में रही है। इस लंबी लोकतांत्रिक शृंखला में पहली बार एक महिला को पार्टी का नेतृत्व सौंपा गया।

21 मार्च 2025, 72 वर्षीय नेटुम्बो नंदी-नदैतवा ने दक्षिणी अफ्रीकी देश नामीबिया की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। यह अफ्रीका में एक ऐतिहासिक घटना थी और महिला नेतृत्व के लिए एक बड़ा उदाहरण बनी। इन्हें आम लोगों ने चुन कर सत्ता की शीर्ष पर पहुंचाया। वे अफ्रीका पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (स्वापो) की सदस्य हैं, एक ऐसा दल जो कि रंगभेद वाले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लंबे संघर्ष के बाद 1990 में देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद से सत्ता में है। नदैतवा महज 14 साल की थीं, जब वे स्वापो की सदस्य बनीं, जो उस समय दक्षिण अफ्रीका के श्वेत-अल्पसंख्यक शासन का विरोध करने वाला एक मुक्ति आंदोलन था।

ऐसी ही एक महिला ने खामोशी से दुनिया में अपना नाम रोशन करा दिया। ये अफ्रीकी देश मलावी की फलेस डेब्रा मोयो हैं। अक्टूबर 2025 में चुनाव हुए और इनमें मोयो भी जीतीं। ये जीत खास थी। वो इसलिए क्योंकि पहली बार चिटिपा नॉर्थ से किसी महिला ने जीत का परचम लहराया था। बतौर निर्दलीय उम्मीदवार बंपर वोट हासिल किए।

ऐसा ही एक नाम भारतीय मूल की गजाला हाशमी का भी है। हैदराबाद में जन्मी हाशमी ने भी इतिहास रच दिया। वे वर्जीनिया की लेफ्टिनेंट गवर्नर चुनी गईं, जो इस पद पर पहुंचने वाली पहली भारतीय मूल की महिला हैं। डेमोक्रेट गजाला हाशमी ने रिपब्लिकन उम्मीदवार जॉन रीड को कड़े मुकाबले में हराया। उन्हें 52.4 प्रतिशत वोट मिले थे।

अब नाम एक ऐसी महिला का जो वेनेजुएला में छिप रही है। मानवतावादी है और शांति की पुजारी भी। नाम है मारिया कोरिना मचाडो। एक राजनेता जो अचानक से विश्व पटल पर तब छाई जब नोबेल पीस प्राइज 2025 की घोषणा हुई। इन्हें इसके लिए चुना गया। लेकिन असली कहानी तो इसके बाद थी। दिसंबर में वो पुरस्कार लेने के लिए ओस्लो पहुंचना चाहती थीं। ऐसे में 'गोल्डन डायनामाइट' एक्शन में आया। एक ऐसा अभियान जिसमें वो सघन रास्ते से होते हुए समुद्र और फिर हवाई सफर करते हुए ओस्लो पहुंची लेकिन तब तक थोड़ी देर हो गई थी। फिर भी जो उन्होंने किया वो मिसाल बन गया। ऐसा पहली बार ही हुआ होगा कि नोबेल पुरस्कार विजेता इतनी दुश्वारियां लांघ कर अपनी मंजिल तक पहुंची।

Point of View

2025 में महिलाओं का उदय एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह दर्शाता है कि महिला नेतृत्व अब केवल एक विचार नहीं, बल्कि वास्तविकता बन चुका है। यह बदलाव सामाजिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण है।
NationPress
21/12/2025

Frequently Asked Questions

2025 में कौन-कौन सी महिलाएं प्रमुखता से उभरीं?
2025 में सानाए ताकाइची, मारिया कोरीना मचाडो, नेटुम्बो नंदी-नदैतवा, फलेस डेब्रा मोयो, और गजाला हाशमी प्रमुखता से उभरीं।
महिलाओं का राजनीति में योगदान क्या है?
महिलाएं अब राजनीतिक नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, जिससे नई बहसें और परिवर्तन हो रहे हैं।
सानाए ताकाइची की उपलब्धि क्या है?
सानाए ताकाइची जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं, जो एक ऐतिहासिक घटना है।
मारिया कोरिना मचाडो की पहचान क्या है?
मारिया कोरिना मचाडो वेनेजुएला की एक प्रमुख मानवतावादी और राजनेता हैं।
फलेस डेब्रा मोयो का चुनावी सफर कैसा रहा?
फलेस डेब्रा मोयो ने मलावी में पहली बार महिला उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की।
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