क्या बाइक बोट स्कीम घोटाला है? : 2800 करोड़ की ठगी में संजय भाटी सहित तीन गिरफ्तार

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क्या बाइक बोट स्कीम घोटाला है? : 2800 करोड़ की ठगी में संजय भाटी सहित तीन गिरफ्तार

सारांश

राज्य की पुलिस ने बाइक बोट स्कीम घोटाले के तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह मामला 2800 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित है, जिसमें लाखों लोगों को ठगा गया। क्या इस मामले में और भी गहराई है? जानें पूरी रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • 2800 करोड़ रुपये की ठगी का मामला
  • संजय भाटी और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी
  • विशेष पुलिस अभियान
  • पीड़ितों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया
  • साइबर सेल की भूमिका

रायपुर, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओला-उबर के समान बाइक बोट स्कीम के माध्यम से 2800 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के प्रमुख संजय भाटी, करणपाल सिंह और राजेश भारद्वाज को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई 2019 में सिविल लाइन थाने में दर्ज धोखाधड़ी के मामले के तहत की गई।

इन आरोपियों ने 2017 में मेसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम से बाइक बोट स्कीम की शुरुआत की थी। इस स्कीम के तहत निवेशकों को प्रति बाइक 62,100 रुपये जमा करने पर हर महीने 9,765 रुपये का मुनाफा देने का प्रलोभन दिया गया।

छत्तीसगढ़ के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, हरियाणा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में 2 लाख से अधिक लोगों से ठगी की गई। रायपुर में 32 से अधिक लोगों से 76 लाख रुपये ठगे गए।

इस मामले में संजय भाटी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में 150, राजस्थान में 50, मध्य प्रदेश में 6 सहित 7 राज्यों में 200 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, धारा 138 (चेक बाउंस) के तहत 1500 से अधिक मामले दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं। संजय भाटी 2018 में बसपा में शामिल हुए थे और 2019 में गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र से बसपा के चुनाव प्रभारी रहे।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी आरोपियों की संपत्तियों को जब्त किया है। रायपुर के अखिल कुमार बिसोई की शिकायत पर 2019 में सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज हुआ था।

पुलिस ने साइबर सेल की मदद से आरोपियों का पता लगाया। जांच में यह पता चला कि तीनों आरोपी राजस्थान के भरतपुर/जयपुर जेल में बंद थे। रायपुर पुलिस ने कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट हासिल कर इन्हें गिरफ्तार किया और रिमांड पर लिया।

पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा और एसएसपी लाल उमेद सिंह के निर्देश पर रायपुर पुलिस ने विशेष अभियान चलाया।

सिविल लाइन थाना प्रभारी के नेतृत्व में गठित टीम ने गौतमबुद्ध नगर जाकर आरोपियों को पकड़ा। पुलिस अब मामले की गहन जांच कर रही है, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।

Point of View

यह मामला एक गंभीर चिंता का विषय है। जब लोगों को इस तरह से ठगा जाता है, तो यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है, बल्कि समाज में विश्वास को भी कमजोर करता है। इस तरह की घटनाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे घोटालों को रोका जा सके।
NationPress
07/08/2025

Frequently Asked Questions

बाइक बोट स्कीम क्या है?
बाइक बोट स्कीम एक निवेश योजना है, जिसमें निवेशकों को प्रति बाइक पैसे जमा करने पर उच्च मुनाफा का वादा किया गया था।
कितने लोगों को ठगा गया?
इस घोटाले में 2 लाख से अधिक लोगों को ठगा गया है।