क्या 3 अगस्त को जन्मे तीन भारतीय क्रिकेटरों ने वर्ल्ड कप में अहम भूमिका निभाई?

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क्या 3 अगस्त को जन्मे तीन भारतीय क्रिकेटरों ने वर्ल्ड कप में अहम भूमिका निभाई?

सारांश

3 अगस्त हमेशा से भारतीय क्रिकेट के लिए खास रहा है। इस दिन जन्मे तीन महान क्रिकेटरों ने अपने-अपने करियर में अद्वितीय योगदान दिया है। खासकर एक ऐसे खिलाड़ी ने भारत को वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाई। जानें उनके बारे में और कैसे उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में अपनी छाप छोड़ी।

Key Takeaways

  • 3 अगस्त को जन्मे क्रिकेटरों का योगदान अद्वितीय है।
  • बलविंदर संधू ने 1983 में वर्ल्ड कप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गोपाल शर्मा ने अपने करियर में 10 विकेट लिए।
  • अपूर्व सेनगुप्ता ने 1959 में अपना इकलौता टेस्ट खेला।
  • इन तीनों का फर्स्ट क्लास करियर बहुत सफल रहा।

नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 3 अगस्त का दिन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसी दिन ऐसे तीन क्रिकेटरों का जन्म हुआ, जिन्होंने अपने छोटे करियर में गहरी छाप छोड़ी। इनमें से एक खिलाड़ी ने भारत को वर्ल्ड कप खिताब जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बलविंदर संधू: 1983 के विश्व कप फाइनल में वेस्टइंडीज के सलामी बल्लेबाज गॉर्डन ग्रीनिज को आउट करके भारत को खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले संधू का जन्म 1956 में बॉम्बे में हुआ था। दाएं हाथ के मध्यम गति के गेंदबाज संधू गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने में निपुण थे। वह एक उपयोगी बल्लेबाज भी थे।

पाकिस्तान के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट मैच में संधू ने दो विकेट लेने के साथ-साथ नौंवे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए भारत की पहली पारी में 71 रन बनाए। उनके अंतरराष्ट्रीय करियर में उन्होंने आठ टेस्ट मैचों में 10 विकेट और 214 रन बनाए। 22 वनडे मुकाबलों में उनके नाम 16 विकेट दर्ज हैं। संधू ने 55 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में 168 विकेट हासिल किए, जबकि 42 लिस्ट-ए मुकाबलों में उनके नाम 36 विकेट हैं।

गोपाल शर्मा: 1960 में कानपुर में जन्मे गोपाल शर्मा आज़ाद भारत में उत्तर प्रदेश की ओर से सीनियर भारतीय पुरुष टीम में खेलने वाले पहले क्रिकेटर हैं। दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर ने 1985 में टेस्ट डेब्यू किया और इंग्लैंड के खिलाफ अपने करियर की पहली पारी में तीन विकेट झटके।

गोपाल शर्मा ने टेस्ट करियर में कुल 5 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 10 विकेट प्राप्त किए। 11 वनडे मुकाबलों में भी उनके नाम उतने ही विकेट हैं। लक्ष्मण शिवरामकृष्णन, मनिंदर सिंह, अरशद अयूब, शिवलाल यादव, रवि शास्त्री और नरेंद्र हिरवानी जैसे खिलाड़ियों के बीच गोपाल शर्मा अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को ज्यादा लंबा नहीं बना सके।

हालांकि, गोपाल शर्मा का फर्स्ट क्लास करियर शानदार रहा, जिसमें उन्होंने 104 मैच खेलते हुए 30.01 की औसत से 353 विकेट झटके।

अपूर्व सेनगुप्ता: 1939 में जन्मे अपूर्व सेनगुप्ता टेस्ट मैच खेलने वाले लखनऊ के पहले खिलाड़ी थे। अपूर्व सेनगुप्ता एक उत्कृष्ट लेग ब्रेक गेंदबाज और उम्दा बल्लेबाज थे, जिन्होंने जनवरी 1959 में इकलौता टेस्ट खेला।

सेनगुप्ता ने अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच 1958-59 में खेला। वेस्टइंडीज के खिलाफ सर्विसेज के लिए एक सैन्य कैडेट के रूप में खेलते हुए उन्होंने 35 और नाबाद 100 रन बनाए। उसी सीजन में अपने पहले रणजी ट्रॉफी मैच में उन्होंने दिल्ली के खिलाफ 32 रन देकर 6 विकेट झटके। सेनगुप्ता ने फर्स्ट क्लास करियर में कुल 45 मैच खेले, जिसमें 21 विकेट और 1695 रन बनाए।

Point of View

NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

3 अगस्त को जन्मे क्रिकेटरों में कौन सबसे प्रसिद्ध हैं?
बलविंदर संधू, गोपाल शर्मा और अपूर्व सेनगुप्ता तीनों ही भारतीय क्रिकेट में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले खिलाड़ी हैं।
क्या बलविंदर संधू ने वर्ल्ड कप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई?
जी हां, बलविंदर संधू ने 1983 में वर्ल्ड कप फाइनल में महत्वपूर्ण विकेट लेकर भारत को जीत दिलाने में अहम योगदान दिया।
गोपाल शर्मा का टेस्ट करियर कैसा रहा?
गोपाल शर्मा ने 5 टेस्ट मैच खेलते हुए 10 विकेट लिए। उनका फर्स्ट क्लास करियर काफी सफल रहा।
अपूर्व सेनगुप्ता का क्रिकेट करियर कब शुरू हुआ?
अपूर्व सेनगुप्ता ने 1958-59 में अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला था।
इन क्रिकेटरों की विशेषता क्या थी?
इन क्रिकेटरों की विशेषता उनकी गेंदबाजी क्षमता और बल्लेबाजी में योगदान था।