क्या उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने क्रिसमस लंच का आयोजन किया?
सारांश
Key Takeaways
- क्रिसमस का संदेश प्रेम और करुणा है।
- ईसाई समुदाय का योगदान अमूल्य है।
- सभी वर्गों का सामूहिक प्रयास आवश्यक है।
- पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया गया।
- इस कार्यक्रम ने एकता का संदेश दिया।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार को क्रिसमस के उपलक्ष्य में उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में एक विशेष लंच का आयोजन किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी को मेरी क्रिसमस और नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
उपराष्ट्रपति ने अपने भाषण में कहा कि क्रिसमस प्रेम, आशा और दान का शाश्वत संदेश लाता है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि इस त्योहार की भावना को केवल मौसम तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपने दैनिक जीवन में भी अपनाएं और दूसरों के प्रति करुणा प्रदर्शित करें।
राधाकृष्णन ने ईसाई समुदाय के राष्ट्र निर्माण में योगदान की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और आदिवासी तथा वंचित वर्गों के उत्थान में उनके कार्य को अमूल्य बताया। उपराष्ट्रपति ने ईसाई समुदाय से अनुरोध किया कि वे अपना यह बहुमूल्य योगदान जारी रखें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि 2047 तक एक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समाज के सभी वर्गों का सामूहिक प्रयास आवश्यक है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर दिया और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मिशन लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) को अपनाने की सलाह दी। यह मिशन सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।
इस समारोह में कई गणमान्य लोग शामिल हुए। इनमें पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और सुरेश गोपी के साथ-साथ कार्डिनल, आर्कबिशप, बिशप, पादरी, रेवरेंड फादर और सिस्टर भी मौजूद थे। पूरे देश के विभिन्न चर्चों के वरिष्ठ प्रतिनिधि और अन्य सम्मानित अतिथि भी इस आयोजन का हिस्सा बने। यह कार्यक्रम क्रिसमस की खुशी और एकता का संदेश देने वाला रहा।