क्या आतंकवाद से मुक्ति के लिए मिलकर काम करना होगा: विनोद बंसल?
सारांश
Key Takeaways
- आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।
- एकजुटता से ही आतंकवाद का सामना किया जा सकता है।
- महायज्ञ जैसे आयोजनों के माध्यम से शांति की प्रार्थना।
- स्वामी विवेकानंद के विचारों का अनुसरण।
- पीएम मोदी का सख्त संदेश।
नई दिल्ली, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। लाल किले के मेट्रो स्टेशन के निकट 10 नवंबर को हुए विस्फोट में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई, उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के लिए कालका जी स्थित आर्य समाज मंदिर में शांति महायज्ञ का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि आज हमने यहां से एक दृढ़ संकल्प लिया है कि आतंकवाद से मुक्ति के लिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि महायज्ञ के माध्यम से हमने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने और देश एवं विश्व को आतंकवाद से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की।
विनोद बंसल ने यह भी कहा कि जिस प्रकार से एक मजहब के नाम पर आतंकवाद फैलाया जा रहा है, इस्लाम के नाम पर आतंक के अड्डे संचालित हो रहे हैं, उन्हें समाप्त करना होगा। हमें सभी को मिलकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए। स्वामी विवेकानंद ने विदेशी शक्तियों के खिलाफ आवाज उठाई थी, उसी संकल्प के साथ हम आतंकवाद से मुक्ति के लिए एकजुट होकर काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और आतंकवादियों का कोई ईमान नहीं होता। मैं यह नहीं समझ पाता कि कोई कैसे आतंकवादियों के कुकृत्यों को सही ठहरा सकता है। इस नेटवर्क में साजिशकर्ता, वित्तपोषक, निष्पादक, प्रशिक्षण केंद्र, विचारक, पुस्तकों, दुष्प्रचार और अतिवादी विचारों का एक समग्र नेटवर्क एक-दूसरे से जुड़ा होता है।
इस विस्फोट में घायल लोगों का उपचार डॉक्टरों द्वारा जारी है। पीएम मोदी स्वयं घायलों का हाल जानने पहुंचे थे और उन्होंने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।