क्या आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती है?: पीएम मोदी

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क्या आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती है?: पीएम मोदी

सारांश

आतंकवाद के मुद्दे पर पीएम मोदी ने आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में महत्वपूर्ण बातें साझा की। उन्होंने आसियान के 11वें सदस्य, तिमोर-लेस्ते का स्वागत करते हुए, आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया। क्या यह वैश्विक शांति के लिए गंभीर चुनौती है? जानें इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन की चर्चा के मुख्य बिंदु।

Key Takeaways

  • आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
  • तिमोर-लेस्ते को आसियान का नया सदस्य बनाया गया।
  • आर्थिक सहयोग और मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा पर बल दिया गया।
  • नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग को बढ़ावा देने का प्रस्ताव दिया गया।
  • आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष की घोषणा की गई।

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में रविवार को 22वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस शिखर सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। प्रधानमंत्री और आसियान नेताओं ने संयुक्त रूप से आसियान-भारत संबंधों में प्रगति की समीक्षा की और व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की पहलों पर चर्चा की। यह भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री की 12वीं भागीदारी थी।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में तिमोर-लेस्ते को आसियान का 11वां सदस्य बनने पर बधाई दी, आसियान के पूर्ण सदस्य के रूप में अपने पहले आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और इसके मानव विकास के लिए भारत के निरंतर समर्थन का संदेश दिया।

पीएम मोदी ने आसियान एकता, आसियान केंद्रीयता और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर आसियान दृष्टिकोण के लिए भारत के समर्थन को दोहराते हुए आसियान समुदाय विजन 2045 को अपनाने के लिए आसियान की सराहना की।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते (एआईटीआईजीए) की शीघ्र समीक्षा से हमारे लोगों के लाभ के लिए हमारे संबंधों की पूर्ण आर्थिक क्षमता का दोहन हो सकता है और क्षेत्रीय सहयोग को और मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है, और उन्होंने आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में एकता के महत्व पर बल दिया।

मलेशियाई अध्यक्ष के 'समावेशीपन और स्थायित्व' विषय के समर्थन में प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी (2026-2030) को क्रियान्वित करने के लिए आसियान-भारत कार्य योजना के कार्यान्वयन हेतु विस्तारित समर्थन। आसियान-भारत पर्यटन वर्ष मनाते हुए पर्यटन सहयोग को मजबूत करने के लिए सतत पर्यटन पर आसियान-भारत संयुक्त नेताओं के वक्तव्य को अपनाना। ब्लू इकोनॉमी में साझेदारी बनाने के लिए वर्ष 2026 को 'आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष' के रूप में नामित करना। सुरक्षित समुद्री वातावरण के लिए द्वितीय आसियान-भारत रक्षा मंत्रियों की बैठक और द्वितीय आसियान-भारत समुद्री अभ्यास आयोजित करने का प्रस्ताव। भारत पड़ोस में संकट के समय प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में अपनी भूमिका जारी रखेगा, और आपदा तैयारी और एचएडीआर में सहयोग को और मजबूत करेगा।

उन्होंने कहा कि आसियान पावर को सहयोग देने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा में 400 पेशेवरों को प्रशिक्षण ग्रिड पहल। तिमोर-लेस्ते तक त्वरित प्रभाव परियोजनाओं (क्यूआईपी) का विस्तार। क्षेत्रीय विशेषज्ञता विकसित करने के लिए नालंदा विश्वविद्यालय में दक्षिण पूर्व एशियाई अध्ययन केंद्र की प्रस्तावित स्थापना। शिक्षा, ऊर्जा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वित्तीय प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक संरक्षण में चल रहे सहयोग का समर्थन, और बुनियादी ढांचे, अर्धचालक, उभरती प्रौद्योगिकियों, दुर्लभ मृदा और महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। गुजरात के लोथल में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन समुद्री विरासत महोत्सव और समुद्री सुरक्षा सहयोग पर एक सम्मेलन का आयोजन।

प्रधानमंत्री मोदी ने 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन की आभासी मेजबानी में लचीलापन दिखाने और बैठक के लिए उत्कृष्ट व्यवस्था करने के लिए प्रधानमंत्री दातो सेरी अनवर इब्राहिम को धन्यवाद दिया। उन्होंने फिलीपींस के प्रभावी देश-समन्वयक के रूप में राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर को भी धन्यवाद दिया। आसियान नेताओं ने आसियान के प्रति भारत के दीर्घकालिक समर्थन और अपनी एक्ट ईस्ट नीति के माध्यम से इस क्षेत्र के साथ जुड़ाव को गहरा करने की उसकी निरंतर प्रतिबद्धता की सराहना की।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। पीएम मोदी का यह प्रयास न केवल आसियान-भारत संबंधों को प्रगाढ़ बना रहा है, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

आसियान-भारत शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच सामरिक साझेदारी को मजबूत करना और आतंकवाद जैसे वैश्विक मुद्दों पर एकजुटता की आवश्यकता को रेखांकित करना था।
तिमोर-लेस्ते को आसियान का सदस्य बनाने का महत्व क्या है?
तिमोर-लेस्ते का आसियान में शामिल होना क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने और दक्षिण पूर्व एशिया में स्थिरता को सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती मानते हुए इसके खिलाफ एकजुट रहने की अपील की।