क्या अबू आजमी ने हाईकोर्ट के फैसले की सराहना की? कहा - देश में अभी इंसाफ जिंदा है

सारांश
Key Takeaways
- अबू आजमी ने इंसाफ की स्थिति पर जोर दिया।
- हाईकोर्ट के फैसले की सराहना की गई।
- दोषियों को सजा दिलाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
- विशेष समुदायों के खिलाफ भेदभाव का मुद्दा उठाया।
- न्यायिक प्रक्रिया की महत्वपूर्णता पर चर्चा की गई।
मुंबई, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने मुंबई ट्रेन बम ब्लास्ट, 2006 मामले में हाईकोर्ट के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट के स्टे पर सवाल उठाते हुए इसकी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस देश में अभी इंसाफ जिंदा है।
अबू आजमी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह देखना महत्वपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का निर्णय किस आधार पर लिया। मुझे गर्व है कि इस देश में इंसाफ अभी भी कायम है। किसी बेगुनाह को 19 वर्ष तक जेल में रखना उचित नहीं है।
आजमी ने कहा कि मुंबई ट्रेन विस्फोट एक गंभीर अपराध था और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। ऐसे लोगों को इस धरती पर रहने का कोई हक नहीं है। लेकिन, बिना किसी ठोस आधार पर किसी को जेल में डालना भी उचित नहीं है। अभी तक मुख्य आरोपी और विस्फोटक लापता हैं। निचली अदालत ने फांसी की सजा दी थी, जबकि हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है, इसलिए उनके पास ठोस कारण होंगे। सुप्रीम कोर्ट एक न्यायिक प्रक्रिया है और निचली अदालत से असंतुष्ट होने पर ऊपरी अदालत में अपील की जाती है। पुलिस और सरकार की जिम्मेदारी है कि विस्फोट में मारे गए लोगों के आरोपियों को पकड़ें।
आजमी ने यह भी कहा कि उन्होंने देखा है कि पूर्व डीजीपी, कमिश्नर और एटीएस प्रमुख किस प्रकार मुसलमानों को लक्षित करते थे। इन बेगुनाहों के रिहा होने के बाद उन अधिकारियों के खिलाफ सरकार क्या कदम उठाएगी, यह महत्वपूर्ण है। इन बेगुनाहों के 19 वर्ष का समय कौन लौटाएगा? उनकी जिंदगी खराब हो गई और वे बदनाम हुए हैं। मुख्यमंत्री को बरी किए गए लोगों से मिलकर उनकी दास्तान सुननी चाहिए, अगर वे इंसान हैं तो जरूर रो देंगे।
उन्होंने कहा कि हर दिन विशेष समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब वह विदेश गए थे, तो वहां मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर की तस्वीर लेकर आए हैं। जहां प्रदूषण का नामोंनिशान नहीं है, वहां भी मस्जिद में अजान जोर से हो रही है।