क्या अदाणी इलेक्ट्रिसिटी ने उपभोक्ता सुरक्षा को मजबूत किया है?
सारांश
Key Takeaways
- मशीन लर्निंग का उपयोग बिजली चोरी को रोकने में सहायक है।
- उपभोक्ताओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
- बिजली आपूर्ति में पारदर्शिता बढ़ी है।
- उन्नत तकनीक से निष्पक्षता सुनिश्चित होती है।
- डेटा-आधारित दृष्टिकोण से राजस्व सुरक्षा में सुधार हुआ है।
मुंबई, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अदाणी इलेक्ट्रिसिटी ने अपनी निष्पक्ष और भरोसेमंद बिजली आपूर्ति की प्रतिबद्धता को और अधिक मजबूत किया है। कंपनी ने मशीन लर्निंग (एमएल) और स्मार्ट मीटर डेटा पर आधारित एक उन्नत चोरी पूर्वानुमान और राजस्व सुरक्षा प्रणाली को अपने संपूर्ण वितरण नेटवर्क में लागू किया है।
इस पहल का उद्देश्य बिजली चोरी को रोकना, ईमानदार उपभोक्ताओं की सुरक्षा करना और एक अधिक पारदर्शी एवं कुशल ऊर्जा व्यवस्था को बढ़ावा देना है।
कंपनी ने कहा कि जनवरी 2025 से मशीन लर्निंग आधारित पूर्वानुमान मॉड्यूल के कार्यान्वयन के बाद से अदाणी इलेक्ट्रिसिटी ने कुल 5.0 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली चोरी की पहचान की है, जिसकी कीमत 8.59 करोड़ रुपए है। हाल ही में इस तकनीक की सहायता से मलाड (पश्चिम) स्थित एक इलेक्ट्रोप्लेटिंग यूनिट में सीधे कनेक्शन के माध्यम से की जा रही 0.4 मिलियन यूनिट (एमयू) की चोरी का पता लगाया गया, जिसकी आर्थिक मूल्यांकन 87 लाख रुपए थी।
इन अत्याधुनिक डिजिटल प्रणालियों के माध्यम से तेज और डेटा-आधारित कार्रवाई संभव हो पाती है, जिससे बिजली व्यवस्था में निष्पक्षता सुनिश्चित होती है और ईमानदार उपभोक्ताओं को अवैध उपयोग के आर्थिक बोझ से सुरक्षा मिलती है।
अदाणी इलेक्ट्रिसिटी ने कहा कि सतर्कता कार्रवाइयां रणनीतिक रूप से उच्च-जोखिम वाले क्षेत्रों पर केंद्रित हैं, जहां निगरानी और विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। मशीन लर्निंग (एमएल) मॉड्यूल के एकीकरण ने व्यापक चोरी विश्लेषण के माध्यम से प्रशासन और अनुपालन को और मजबूत किया है।
मशीन लर्निंग आधारित तकनीक के लागू किए जाने पर अदाणी इलेक्ट्रिसिटी के प्रवक्ता ने कहा, “हम विश्वसनीय और सुरक्षित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मशीन लर्निंग के एकीकरण ने बिजली चोरी का पता लगाने की क्षमता बढ़ाई है, निगरानी और संचालन को मजबूत किया है और ईमानदार उपभोक्ताओं को अवैध खपत के प्रभाव से सुरक्षा प्रदान की है। यह हमारी स्मार्ट और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा भविष्य के दृष्टिकोण को दर्शाता है।”
कंपनी के अनुसार, मशीन लर्निंग आधारित यह प्रणाली स्वचालित डेटा विश्लेषण करती है, पैटर्न-आधारित अनियमितताओं की पहचान करती है और बिजली चोरी के मामलों का पता लगाने की गति बढ़ाती है। उपभोक्ता प्रोफाइल और खपत पैटर्न का विश्लेषण कर यह संभावित मामलों को सटीक रूप से चिन्हित करती है, जिससे त्वरित कार्रवाई, लक्षित निरीक्षण और सोच-समझकर निर्णय लेना संभव होता है।
डेटा-आधारित यह दृष्टिकोण न केवल प्रवर्तन को मजबूत बनाता है, बल्कि परिचालन लागत में कमी लाकर उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्षता, पारदर्शिता और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति भी सुनिश्चित करता है।