क्या अदाणी पावर को मध्य प्रदेश की धीरौली खदान में ऑपरेशन शुरू करने की मंजूरी मिली है?

सारांश
Key Takeaways
- अदाणी पावर को धीरौली खदान में ऑपरेशन शुरू करने की मंजूरी मिली है।
- यह खदान 6.5 मिलियन टन प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता रखती है।
- कंपनी की योजना वित्त वर्ष 27 तक 5 मिलियन टन प्रति वर्ष उत्पादन की है।
- यह अदाणी पावर की पहली कैप्टिव खदान है।
- धीरौली खदान से प्राप्त कोयला बिजली की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
अहमदाबाद, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश की सबसे बड़ी निजी थर्मल पावर उत्पादक कंपनी अदाणी पावर लिमिटेड ने मंगलवार को यह घोषणा की कि उसे कोयला मंत्रालय से मध्य प्रदेश के सिंगरौली में धीरौली कोयला खदान में ऑपरेशन शुरू करने के लिए मंजूरी प्राप्त हुई है।
कंपनी ने बताया कि यह मंजूरी उसकी ईंधन सुरक्षा को मजबूत करने और भविष्य में स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कहा, "अदाणी पावर लिमिटेड को मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में धीरौली खदान में ऑपरेशन प्रारंभ करने के लिए कोयला मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त हुई है।"
धीरौली खदान का स्वामित्व अदाणी पावर की सहायक कंपनी महान एनर्जेन लिमिटेड के पास है। इसकी अधिकतम उत्पादन क्षमता 6.5 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) है, जिसमें से 5 एमटीपीए ओपन-कास्ट खनन से और शेष भूमिगत परिचालन से प्राप्त होगा।
भूवैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, खदान में 558 मिलियन टन से अधिक का भंडार है, जो दशकों तक ईंधन सुरक्षा और परिचालन स्थिरता प्रदान करेगा।
अदाणी पावर की योजना वित्त वर्ष 27 तक 5 मिलियन टन प्रति वर्ष की ओपन-कास्ट अधिकतम क्षमता प्राप्त करने की है, जबकि भूमिगत खनन नौ साल बाद शुरू किया जाएगा।
कंपनी ने अपनी फाइलिंग में बताया कि इस ब्लॉक के लिए कंपनी के पास 30 साल का खनन पट्टा है, जिससे दीर्घकालिक संचालन सुनिश्चित होता है।
कंपनी को मिली मंजूरी पर सीईओ एसबी ख्यालिया ने कहा, "धीरौली में खनन का प्रारंभ, आत्मनिर्भरता और सतत विकास की दिशा में अदाणी पावर की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।"
ख्यालिया ने यह भी कहा, "कच्चे माल की आपूर्ति में बैकवर्ड इंटीग्रेशन करके, हम न केवल लागत को कम कर रहे हैं, बल्कि लाखों उपभोक्ताओं के लिए सस्ती बिजली सुनिश्चित कर रहे हैं। हमारा ध्यान जिम्मेदार खनन और दीर्घकालिक मूल्य सृजन पर बना हुआ है।"
कंपनी ने कहा कि वह कोयले में अशुद्धियों को कम करने और उत्सर्जन को न्यूनतम रखने के लिए खदान क्षेत्र के भीतर ही कोयले की धुलाई और प्रसंस्करण करेगी।
यह अदाणी पावर की पहली कैप्टिव खदान है जिसे संचालन के लिए सरकारी मंजूरी मिली है।
धीरौली से प्राप्त कोयले से कंपनी की व्यापारिक बिजली की जरूरतें पूरी होने की संभावना है और साथ ही पास के 1,200 मेगावाट के महान पावर प्लांट को भी आपूर्ति की जाएगी, जिसकी क्षमता को बढ़ाकर 3,200 मेगावाट किया जा रहा है।