क्या आदित्य ठाकरे ने हरियाणा ‘वोट चोरी’ विवाद पर चुनाव आयोग को घेरा?
सारांश
Key Takeaways
- हरियाणा में 'वोट चोरी' का मामला गंभीर है।
- आदित्य ठाकरे ने भाजपा और चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है।
- लोकतंत्र की पारदर्शिता पर प्रश्न उठे हैं।
मुंबई, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा हरियाणा में कथित 'वोट चोरी' के विषय पर की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद राजनीतिक वातावरण में हलचल मच गई है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने इस मुद्दे पर भाजपा और चुनाव आयोग दोनों पर कड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि जब हम वोट चोरी के मामले पर आयोग से सवाल पूछते हैं, तो भाजपा ही जवाब देती है। यह कैसा संबंध है?
ठाकरे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब हम चुनाव आयोग से सवाल करते हैं तो जवाब भाजपा देती है। यह रिश्ता आखिर क्या है? क्या आयोग भाजपा के अधीन चल रहा है?
उन्होंने आगे कहा कि यह चिंता का विषय है कि लाखों फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल हैं, जिससे लोकतंत्र की पारदर्शिता पर प्रश्न उठते हैं।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि पहले कहा जाता था कि हम दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं, लेकिन अब चुनाव आयोग के कामकाज पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग गया है। आयोग ने सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा किया है और हम इसकी निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं।
राहुल गांधी द्वारा जेन-जी से लोकतंत्र की रक्षा करने के आह्वान पर प्रतिक्रिया देते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि हर पीढ़ी ने अपने वोट का मूल्य समझा है और लोकतंत्र को मजबूत करने का प्रयास किया है, लेकिन आज भाजपा लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। हमें इस प्रवृत्ति का विरोध करना होगा।
आदित्य ठाकरे ने राज्य सरकार पर किसानों के मुद्दे पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के किसान इस समय भारी नुकसान झेल रहे हैं, लेकिन सरकार केवल वादे कर रही है।
ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि अगले साल जून में कर्ज माफी होगी। सवाल यह है कि तब तक किसान क्या करें? अभी का जो कर्ज है, उसका क्या होगा? किसानों को जो आर्थिक मदद मिलनी थी, वह या तो रुकी हुई है या मजाक बन गई है—किसी को 10 रुपए मिले हैं, तो किसी को सिर्फ 1 रुपया।
उन्होंने बताया कि उद्धव ठाकरे इन दिनों मराठवाड़ा के दौरे पर हैं और किसानों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं को जनता के सामने ला रहे हैं।