क्या एडवोकेट विनीत जिंदल ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर यूएनओ के समक्ष याचिका दायर की?
सारांश
Key Takeaways
- एडवोकेट विनीत जिंदल ने यूएनओ में याचिका दायर की।
- बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले बढ़ रहे हैं।
- वर्तमान में विश्व स्तर पर इस मुद्दे पर कोई ठोस आवाज नहीं उठाई जा रही है।
- जांच समिति में भारतीय सदस्यों की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एडवोकेट विनीत जिंदल ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों के प्रति गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) के समक्ष एक याचिका प्रस्तुत की, जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को रोकने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
एडवोकेट विनीत जिंदल ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह बेहद दुखद है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं, लेकिन विश्व स्तर पर इसके खिलाफ कोई ठोस आवाज उठती नहीं दिखाई दे रही है और न ही बांग्लादेश सरकार इस मामले में कोई प्रभावी कदम उठा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हो रहे हमलों की उचित जांच होनी चाहिए और इसमें भारत से भी चार सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए। इस तरह की जांच में कोई पहलू अनछुआ नहीं रहना चाहिए। भारतीय सदस्यों के शामिल होने से जांच में निष्पक्षता बनी रहेगी।
विनीत जिंदल ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों की जांच के दौरान किसी भी प्रकार का पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं अपनाया जाए जिससे जांच प्रभावित हो।
इससे पहले, विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की निंदा की थी। उन्होंने कहा कि आज के समय में बांग्लादेश चरमपंथियों का गढ़ बन चुका है। यह चिंताजनक है कि जब बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, तब भारत में विपक्षी नेता चुप हैं।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि गैर-मुस्लिमों पर हो रहे हमले पूरी मानवता के लिए कलंक हैं। बांग्लादेश में चरमपंथियों ने दीपू चंद नामक युवक की हत्या कर दी और उसके शव को पेड़ से बांधकर जलाने की घटना भी सामने आई है। यह स्थिति पूरी वैश्विक मानवता के लिए एक गंभीर खतरा बन चुकी है।