क्या अफगान शरणार्थी पाकिस्तानी पुलिस और सैन्य कार्रवाई से खौफजदा हैं?

Click to start listening
क्या अफगान शरणार्थी पाकिस्तानी पुलिस और सैन्य कार्रवाई से खौफजदा हैं?

सारांश

पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों की बढ़ती परेशानियों पर एक नजर। जबरन गिरफ्तारियों और देश निकाले की कार्रवाई से शरणार्थियों की स्थिति गंभीर होती जा रही है। क्या पाकिस्तान सरकार उनकी मदद कर पाएगी?

Key Takeaways

  • अफगान शरणार्थियों की स्थिति चिंताजनक है।
  • पाकिस्तानी सरकार द्वारा जबरन देश निकाला हो रहा है।
  • बच्चों और महिलाओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • डिप्लोमैटिक बातचीत से स्थिति में सुधार संभव है।
  • अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की मदद जरूरी है।

काबुल, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जैसे-जैसे पाकिस्तान में गिरफ्तारियों और जबरन देश निकाले की कार्रवाई तेज हो रही है, अफगान शरणार्थी खौफजदा हो रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी पुलिस ने हाल ही में कुछ मस्जिदों से ऐलान करके चेतावनी दी है कि जो भी पाकिस्तान में शरणार्थियों की मदद करेगा, जिसमें उन्हें घर या दुकानें किराए पर देना भी शामिल है, उसे सरकार अपराधी मानेगी। स्थानीय मीडिया ने गुरुवार को इसे रिपोर्ट किया है।

अफगानिस्तान के प्रमुख मीडिया आउटलेट टोलो न्यूज ने पाकिस्तान में एक अफगान शरणार्थी अतीकुल्लाह मंसूर के हवाले से कहा, "बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों सहित बड़ी संख्या में अफगान शरणार्थियों को 15 दिनों से ज्यादा समय से पाकिस्तानी डिटेंशन सेंटर में रखा गया है, जहां वे बहुत मुश्किल हालात में रह रहे हैं।"

इस बीच, कई शरणार्थियों का ये भी कहना है कि उनके शेल्टर तोड़े जा रहे हैं और इसके साथ ही पाकिस्तानी सरकार लोगों को गिरफ्तार कर रही है और जबरन देश से बाहर भी निकाल रही है।

उन्होंने पाकिस्तानी सरकार से अपने घरों को तोड़ने से रोकने और कम से कम सर्दियों तक उन्हें पाकिस्तान में रहने देने की अपील की है।

पाकिस्तान में एक और अफगान शरणार्थी ने कहा, "सर्दी पहले ही शुरू हो चुकी है। यहां अफगान शरणार्थियों के बचे हुए कई घर तोड़ दिए गए हैं। हम पाकिस्तानी सरकार से बाकी घरों को तोड़ना बंद करने की अपील करते हैं, नहीं तो शरणार्थी बिना छत के रह जाएंगे और उनके पास जाने के लिए कोई जगह नहीं होगी। इसके अलावा, सरकार ने स्थानीय लोगों को चेतावनी दी है कि वे अफगान शरणार्थियों को घर किराए पर न दें, नहीं तो उन्हें कानूनी नतीजों का सामना करना पड़ेगा।"

इस बीच, एक प्रवासी अधिकार कार्यकर्ता, नजर नजारी ने कहा, "इस संकट का समाधान अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सरकारों के बीच डिप्लोमैटिक बातचीत में है, जिसका मकसद घरों को तोड़ने से रोकना और जबरन देश निकाला रोकना होना चाहिए। इसके साथ ही, शेल्टर, भोजन, स्वास्थ्य सेवा और नौकरी के अवसर प्रदान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ तालमेल जरूरी है। ऐसी रणनीतियां लागू करने से शरणार्थियों पर दबाव कम करने और वापसी की प्रक्रिया को ज्यादा मानवीय बनाने में मदद मिल सकती है।"

स्थानीय मीडिया ने बुधवार को बताया कि इस्लामाबाद पुलिस ने रात भर अफगान शरणार्थियों के घरों पर छापे मारे, कई ऐसे पुरुषों को गिरफ्तार किया जिनके पास वैध वीजा नहीं था, और 2021 में तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान से भागे परिवारों में डर पैदा कर दिया।

देर रात के ऑपरेशन के दौरान, पुलिस ने इस्लामाबाद के एफ-17 और फैसल टाउन इलाकों में अफगान शरणार्थियों को निशाने पर लिया। उन्होंने कई ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जिन पर सही दस्तावेज न होने का आरोप था।

अफगान शरणार्थियों के घरों पर पुलिस के ये छापे पाकिस्तानी सेना द्वारा अफगानिस्तान में सीमा पार ऑपरेशन करने के बाद इस्लामाबाद और काबुल के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुए हैं।

Point of View

हमें समझना होगा कि अफगान शरणार्थियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सरकारें संवाद स्थापित करें।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

अफगान शरणार्थियों की स्थिति क्या है?
अफगान शरणार्थी पाकिस्तान में गिरफ्तारी और जबरन देश निकाले के कारण खौफ में हैं।
पाकिस्तानी सरकार ने शरणार्थियों के लिए क्या कदम उठाए हैं?
पाकिस्तानी सरकार ने शरणार्थियों को मदद करने वालों को चेतावनी दी है और उनके ठिकानों पर छापे मार रही है।
अफगान शरणार्थियों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है?
अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सरकारों के बीच डिप्लोमैटिक बातचीत से इस संकट का समाधान हो सकता है।