क्या अगिआंव विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण और उम्मीदवारों की भूमिका से तय होंगे चुनावी नतीजे?

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क्या अगिआंव विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण और उम्मीदवारों की भूमिका से तय होंगे चुनावी नतीजे?

सारांश

बिहार के भोजपुर जिले की अगिआंव विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहाँ 9 उम्मीदवार हैं, जिनमें भाजपा और भाकपा-माले के प्रमुख चेहरे शामिल हैं। जातीय समीकरण और उम्मीदवारों की लोकप्रियता चुनावी नतीजों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जानिए इस सीट की राजनीतिक गहराई के बारे में।

Key Takeaways

  • अगिआंव विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
  • यह सीट आरा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है।
  • यहाँ 9 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
  • जातीय समीकरण चुनावी नतीजों को प्रभावित करेंगे।
  • यह क्षेत्र ग्रामीण है, जहाँ कोई शहरी मतदाता नहीं हैं।

पटना, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के भोजपुर जिले की अगिआंव विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है और यह आरा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। 2008 में चुनाव आयोग द्वारा की गई परिसीमन प्रक्रिया के बाद इसे एक अलग विधानसभा क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई। 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में अगिआंव सीट ने पहली बार अपना अस्तित्व दिखाया। इस बार यहाँ कुल 9 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें भाजपा से महेश पासवान, भाकपा-माले से शिव प्रकाश रंजन और जन स्वराज पार्टी के रमेश कुमार प्रमुख हैं।

अगिआंव विधानसभा क्षेत्र में अगिआंव, गड़हनी और चरपोखरी प्रखंड शामिल हैं। यह क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण इलाका है, जहाँ कोई शहरी मतदाता नहीं हैं। यह जिला मुख्यालय आरा से लगभग 48 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है और भोजपुर और रोहतास जिले की सीमा के निकट है। इसके अलावा, बिक्रमगंज और जगदीशपुर इसके मुख्य पड़ोसी कस्बे हैं।

क्षेत्र के धार्मिक स्थल भी इसे विशेष बनाते हैं, जिनमें चरपोखरी अंचल के मुकुंदपुर गांव में स्थित देवी जगदम्बा का प्राचीन मंदिर शामिल है।

अगिआंव विधानसभा में अब तक चार चुनाव हो चुके हैं। 2010 में भाजपा के प्रत्याशी ने राजद प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की थी। 2015 में जदयू ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त की, जबकि भाजपा दूसरे स्थान पर रही। 2020 के चुनाव में जदयू फिर से एनडीए में शामिल हो गई, और भाकपा-माले महागठबंधन का हिस्सा बन गई। इस चुनाव में जदयू समर्थित भाजपा के उम्मीदवार को भाकपा-माले के शिव प्रकाश रंजन ने हराया।

हालांकि, विजयी विधायक मनोज मंजिल को हत्या के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिससे 2024 में उपचुनाव हुआ। इस उपचुनाव में भी भाकपा-माले ने अपनी सीट बरकरार रखी।

जातीय समीकरणों की बात करें तो अगिआंव सीट एससी आरक्षित है। इसके बावजूद राजपूत और यादव मतदाता यहाँ जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस बार भी चुनावी नतीजे इन जातीय समीकरणों और उम्मीदवारों की व्यक्तिगत लोकप्रियता के आधार पर तय हो सकते हैं।

Point of View

बल्कि जातीय समीकरणों और उम्मीदवारों की व्यक्तिगत छवि पर भी निर्भर करेगा। यह चुनाव बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

अगिआंव विधानसभा क्षेत्र कहाँ स्थित है?
अगिआंव विधानसभा क्षेत्र बिहार के भोजपुर जिले में स्थित है।
इस सीट पर कितने उम्मीदवार हैं?
इस बार अगिआंव विधानसभा सीट पर कुल 9 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
इस सीट पर मुख्य राजनीतिक दल कौन से हैं?
इस सीट पर मुख्य राजनीतिक दल हैं भाजपा और भाकपा-माले।
क्या जातीय समीकरण इस चुनाव में महत्वपूर्ण हैं?
हाँ, इस सीट पर जातीय समीकरण और उम्मीदवारों की व्यक्तिगत लोकप्रियता चुनावी परिणामों को प्रभावित करेंगी।
अगिआंव विधानसभा सीट कब अस्तित्व में आई?
अगिआंव विधानसभा सीट 2010 में अस्तित्व में आई।