क्या लोगों का न्याय व्यवस्था से विश्वास उठ गया है? कनिमोझी ने जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग नोटिस पर क्या कहा?

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क्या लोगों का न्याय व्यवस्था से विश्वास उठ गया है? कनिमोझी ने जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग नोटिस पर क्या कहा?

सारांश

तमिलनाडु की सांसद कनिमोझी ने जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग नोटिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार, फैसलों ने न्याय व्यवस्था पर लोगों का विश्वास समाप्त कर दिया है। क्या यह मामला न्यायिक निष्पक्षता के लिए खतरा है? जानिए पूरी जानकारी इस लेख में।

Key Takeaways

  • जस्टिस स्वामीनाथन के निर्णयों पर सवाल उठाए गए हैं।
  • महाभियोग प्रस्ताव में 100 से अधिक सांसदों के हस्ताक्षर हैं।
  • न्याय व्यवस्था में पक्षपात के आरोप लगे हैं।
  • संविधान की धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन होने की बात कही गई है।

दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) की सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने गुरुवार को मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन पर महाभियोग चलाने के प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि जस्टिस स्वामीनाथन के निर्णयों ने लोगों का न्याय व्यवस्था पर से विश्वास और भरोसा समाप्त कर दिया है।

कनिमोझी करुणानिधि ने कहा, "यह डीएमके है, जिसने कई विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर तमिलनाडु में हाईकोर्ट के जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ यह महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है।"

उन्होंने आगे कहा, "जस्टिस स्वामीनाथन ने लोगों के न्याय प्रणाली पर विश्वास को खत्म किया है और उन्होंने देश के संविधान तथा आम लोगों को दिए गए वादों के खिलाफ कार्य किया है। उनके कई फैसलों में पक्षपात दिखा है।"

जस्टिस स्वामीनाथन ने हाल ही में एक फैसले में तिरुपरनकुंद्रम की पहाड़ी पर पारंपरिक कार्तिगई दीपम जलाने की अनुमति दी थी, जिस पर एक मंदिर और एक दरगाह स्थित है। डीएमके ने इस फैसले का विरोध करते हुए महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की मांग की है।

मंगलवार को, डीएमके ने लोकसभा स्पीकर को एक नोटिस सौंपा, जिस पर विपक्षी दलों के 100 से अधिक सांसदों ने हस्ताक्षर किए। इस नोटिस में मद्रास हाईकोर्ट के जज को हटाने के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 और 124 के तहत प्रस्ताव पेश किया गया था।

नोटिस में यह आरोप लगाया गया है कि उनके आचरण ने न्यायिक निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। उन पर एक वरिष्ठ वकील और एक विशेष समुदाय के वकीलों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप भी लगाया गया है। इसके साथ ही, कई फैसले राजनीतिक विचारधारा से प्रभावित दिखते हैं, जो संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का उल्लंघन है।

Point of View

तो यह हमारे लोकतंत्र की नींव को कमजोर करता है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

कनिमोझी ने जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ क्या आरोप लगाए हैं?
कनिमोझी ने आरोप लगाया है कि जस्टिस स्वामीनाथन के फैसले न्याय व्यवस्था पर लोगों का विश्वास समाप्त कर देते हैं और उनकी कार्यशैली में पक्षपात दिखता है।
महाभियोग नोटिस किसके खिलाफ पेश किया गया है?
महाभियोग नोटिस मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ पेश किया गया है।
महाभियोग नोटिस में क्या कहा गया है?
नोटिस में आरोप लगाया गया है कि जस्टिस स्वामीनाथन ने न्यायिक निष्पक्षता और पारदर्शिता को प्रभावित किया है।
डीएमके ने महाभियोग नोटिस कब सौंपा?
डीएमके ने महाभियोग नोटिस मंगलवार को लोकसभा स्पीकर को सौंपा।
इस मामले का क्या महत्व है?
यह मामला न्याय व्यवस्था में विश्वास की स्थिरता और न्यायिक स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण है।
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