क्या महाराष्ट्र के अहिल्या नगर में हुए विवाद की जांच होनी चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- अहिल्या नगर में विवाद की जांच की मांग।
- भाजपा पर माहौल बिगाड़ने का आरोप।
- किसानों के नुकसान की भरपाई की आवश्यकता।
मुंबई, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान ने महाराष्ट्र के अहिल्या नगर में हाल ही में हुए विवाद पर जोर देकर कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा के सदस्य राज्य का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं।
वारिस पठान ने राष्ट्र प्रेस के साथ एक खास बातचीत में कहा कि अहिल्या नगर में हाल के विवाद की गहरी जांच होनी चाहिए। उन लोगों के बारे में पता लगाना चाहिए जिन्होंने रास्ते पर 'आई लव मोहम्मद, आई लव जिहाद' लिखकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश की। भाजपा के लोग राज्य का माहौल खराब करने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'देखिए, हुजूर के शान में कोई गुस्ताखी करेगा तो कोई भी माफ नहीं करेगा, लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। लोगों को कानून व्यवस्था का ध्यान रखना चाहिए।'
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बयान ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद यूपीए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई नहीं की थी। भाजपा ने इस खुलासे को लेकर कांग्रस पर तीखा हमला किया है। इस बीच, एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी।
वारिस पठान ने कहा, 'पी. चिदंबरम इतने बड़े आदमी हैं, उनसे सवाल करना चाहिए। हमने देखा था कि 26/11 में पाकिस्तानी आतंकवादी आए और निर्दोष लोगों को मार डाला। हमारे मुंबई पुलिस के बहादुर सिपाही तुकाराम ओंबळे ने अपनी जान देकर उसे पकड़ लिया। बाद में उसे जेल हुई और फांसी दी गई। लेकिन मुंबई के मुसलमानों ने भी अपना जिगर दिखाया और उस आतंकवादी को मुंबई में दफनाने की इजाजत नहीं दी।'
इसी दौरान, महाराष्ट्र में आई बाढ़ को लेकर उन्होंने राज्य सरकार से प्रभावित किसानों के नुकसान की भरपाई की मांग की। पठान ने कहा, 'महाराष्ट्र में बाढ़ से जबरदस्त तबाही हुई है। सरकार को चाहिए कि किसानों को उचित पैकेज दे और उनके नुकसान की पूरी भरपाई करे। हमारे किसान कड़ी मेहनत करके फसल उगाते हैं और हम सबको भोजन मिलता है। अगर उनकी फसल बर्बाद होती है, तो सरकार को जिम्मेदारी से उन्हें मुआवजा देना चाहिए।'