क्या अहिल्यानगर में 570 अग्निवीरों की पासिंग आउट परेड ने देशभक्ति की नई मिसाल कायम की?
सारांश
Key Takeaways
- अग्निवीरों ने देशसेवा की शपथ ली।
- परेड में 570 जवानों ने भाग लिया।
- ब्रिगेडियर अजय दलाल ने सलामी ली।
- जवानों ने 31 हफ्तों की कठिन ट्रेनिंग की।
- युवाओं की देशभक्ति का अद्भुत उदाहरण।
अहिल्यानगर, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अहिल्यानगर स्थित आर्मर्ड कॉर्प्स सेंटर एंड स्कूल में गुरुवार को एक भव्य पासिंग आउट परेड का आयोजन हुआ। देश के विभिन्न हिस्सों से आए 570 अग्निवीरों ने 31 हफ्ते की कठिन मेहनत और अनुशासन के बाद गर्व के साथ देशसेवा की शपथ ली और औपचारिक रूप से भारतीय सेना का हिस्सा बन गए।
सुबह की परेड में जब ये युवा अग्निवीर सैन्य बैंड की मधुर धुन पर एक साथ कदमताल करते हुए आगे बढ़े, तो पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उनके चेहरों पर आत्मविश्वास और आंखों में चमक साफ बता रही थी कि अब वे देश की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं। परेड की सलामी ब्रिगेडियर अजय दलाल ने ली। उन्होंने सभी अग्निवीरों को बधाई देते हुए कहा कि इन जवानों ने न सिर्फ शारीरिक और मानसिक रूप से कठोर ट्रेनिंग पूरी की है, बल्कि अनुशासन, देशभक्ति और टीमवर्क की असली मिसाल कायम की है।
इन अग्निवीरों को दो चरणों में प्रशिक्षण दिया गया था। पहले चरण में बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी गई, जिसमें हथियार चलाना, फील्ड क्राफ्ट, मैप रीडिंग और शारीरिक फिटनेस पर जोर रहा। दूसरे चरण में एडवांस्ड ट्रेनिंग के दौरान उन्हें अपने-अपने ट्रेड जैसे ड्राइवर, गनर, ऑपरेटर और टेक्नीशियन की बारीकियां सिखाई गईं। अब ये जवान आर्मर्ड कोर की विभिन्न रेजिमेंट्स में जाएंगे और टैंक, बख्तरबंद गाड़ियों और आधुनिक हथियारों के साथ देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे।
इस मौके पर सेंटर के सभी अधिकारी, जेसीओ और जवानों ने नए साथियों का जोरदार स्वागत किया। अग्निवीरों के परिवार वाले भी दूर-दूर से आए थे और अपने बेटों को वर्दी में देखकर उनकी आंखें गर्व से चमक रही थीं। परेड के अंत में सभी ने एक स्वर में राष्ट्रगान गाया और आसमान में तिरंगा देखकर हर किसी का सीना चौड़ा हो गया।
आर्मर्ड कॉर्प्स सेंटर एंड स्कूल के कमांडेंट ने कहा कि अग्निवीर योजना से सेना को युवा, जोशीला और तकनीकी रूप से मजबूत जवान मिल रहे हैं। ये जवान आने वाले समय में भारतीय थल सेना की ताकत को और बढ़ाएंगे। परेड देखने आए हर शख्स ने माना कि आज का यह नजारा देश की नई पीढ़ी की देशभक्ति और अनुशासन का जीता-जागता सबूत था।