क्या अहमदाबाद सिविल अस्पताल ने 200वें अंगदान के साथ इतिहास रचा?

सारांश
Key Takeaways
- अहमदाबाद सिविल अस्पताल ने 200 अंगदान किए।
- 638 मरीजों को मिला नया जीवन।
- महेशभाई सोलंकी का अंगदान एक प्रेरणादायक उदाहरण है।
- अस्पताल ने जन जागरूकता अभियान चलाया है।
- अंगदान मानवता की सेवा का प्रतीक है।
अहमदाबाद, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर अहमदाबाद सिविल अस्पताल ने अंगदान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया। इस अवसर पर 200वें अंगदान की प्रक्रिया संपन्न हुई। अमरेली के निवासी महेशभाई सोलंकी जो ब्रेन डेड हो गए थे, उनके परिवार ने दया का निर्णय लेते हुए उनके अंगों को दान कर दिया, जिससे कई जिंदगियों में नई आशा का संचार हुआ।
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी के अनुसार, पिछले 4.5 वर्षों में कुल 200 अंगदानों के माध्यम से 657 अंगों का सफल प्रत्यारोपण किया गया है, जिससे 638 मरीजों को नया जीवन मिला है। दान किए गए अंगों में 175 लीवर, 364 किडनी, 64 हृदय, 14 अग्न्याशय, 6 हाथ, 32 फेफड़े, 2 छोटी आंतें और 21 त्वचा शामिल हैं।
महेशभाई सोलंकी जो 2 जुलाई को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए थे, उन्हें इलाज के लिए अहमदाबाद लाया गया। 9 जुलाई को उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया और परिवार ने अंगदान का निर्णय लिया। उनके द्वारा दान किए गए अंगों में हृदय, लीवर, अग्न्याशय और दोनों गुर्दे शामिल हैं, जिनका उपयोग जरूरतमंद मरीजों में किया गया।
अहमदाबाद सिविल अस्पताल राज्य का एकमात्र अस्पताल बन गया है जिसने 200 अंगदान पूरे किए हैं। डॉ. जोशी ने इसे टीमवर्क और समर्पण का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “हर अंगदान के पीछे एक परिवार की संवेदनशीलता और दूसरे परिवार की उम्मीद होती है।”
डॉ. जोशी ने सभी अंगदाताओं और उनके परिवारों को नमन करते हुए कहा, "यह उपलब्धि न केवल अस्पताल की है, बल्कि उन 200 परिवारों की भी है जिन्होंने मानवता की मिसाल पेश की है। हमारा लक्ष्य है कि कोई भी अंगों के इंतजार में अपनी जान न गंवाए।"
बता दें कि 2020 से सिविल अस्पताल अंगदान के प्रति जन जागरूकता अभियान चला रहा है। इससे न केवल गुजरात, बल्कि भारत के अन्य राज्यों और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों से भी लोग इस अभियान में शामिल हो रहे हैं।