क्या महाराष्ट्र में एआईएमआईएम आगामी चुनावों के लिए तैयारी कर रही है?

सारांश
Key Takeaways
- एआईएमआईएम सभी स्थानिक निकायों में चुनाव लड़ेगी।
- स्थानीय स्तर पर गठबंधन की आवश्यकता पर चर्चा की गई।
- पार्टी की कार्यकारी समिति उम्मीदवारों की संख्या तय करेगी।
- भाजपा पर आरोप लगाए गए हैं।
- महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाई गई है।
छत्रपति संभाजीनगर, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्रपति संभाजीनगर में आगामी चुनावों की दृष्टि से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक पार्टी के राज्य अध्यक्ष इम्तियाज जलील की अध्यक्षता में तापड़िया नाट्यगृह ऑडिटोरियम में हुई।
इस बैठक में मुंबई को छोड़कर राज्य के अन्य जिलों से बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक में स्थानीय चुनावों की तैयारी और संगठन की रणनीति पर गहन चर्चा की गई।
इम्तियाज जलील ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पार्टी राज्यभर में पंचायत समिति, ग्राम पंचायत, जिला परिषद और अन्य स्थानिक निकायों के चुनाव में भाग लेगी। इसके साथ ही, यह भी विचार किया गया कि स्थानीय स्तर पर किसी गठबंधन की आवश्यकता है या पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
उन्होंने आगे कहा कि मुंबई के स्थानीय चुनावों को लेकर जल्द ही वहां के अध्यक्ष बैठक आयोजित करेंगे और पदाधिकारियों के साथ आगे की रणनीति तय करेंगे।
इम्तियाज जलील ने यह भी कहा कि विभिन्न जिलों से पदाधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आधार पर पार्टी की कार्यकारी समिति यह तय करेगी कि किस क्षेत्र में कितने उम्मीदवार चुनाव में भाग लेंगे।
इससे पहले, पुणे के शनिवारवाड़ा में नमाज को लेकर उठे विवाद पर एआईएमआईएम के राज्य अध्यक्ष और सांसद इम्तियाज जलील ने भाजपा पर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि पुणे में भाजपा के एक बड़े नेता पर 300 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला चल रहा है, और इस विवाद से ध्यान भटकाने के लिए नमाज का मुद्दा उठाया गया है।
एआईएमआईएम के नेता इम्तियाज जलील ने आरोप लगाया कि पुणे की राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने जानबूझकर इस विवाद को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि शनिवारवाड़ा में मौजूद दरगाह बहुत पुरानी है, और 60 साल से अधिक उम्र के लोग इसकी ऐतिहासिकता की पुष्टि करते हैं।
इम्तियाज जलील ने यह भी कहा कि समाज को उन महिलाओं से सीख लेनी चाहिए जिन्होंने दो मिनट नमाज अदा की। “अगर बुर्का पहनी महिलाओं ने दो मिनट नमाज पढ़ ली तो इसमें क्या गुनाह है?” उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने दबाव में आकर इन महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।