क्या एयर इंडिया का विमान सुरक्षा प्रमाणपत्र के बिना उड़ान भरता रहा?
सारांश
Key Takeaways
- डीजीसीए की सख्त कार्रवाई ने सुरक्षा नियमों के महत्व को उजागर किया है।
- बिना एआरसी के उड़ान भरना गंभीर मुद्दा है।
- यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
- आंतरिक जांच और सुधारात्मक उपाय आवश्यक हैं।
- सुरक्षा नियमों में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक बड़ी अनियमितता का पर्दाफाश किया है। एयर इंडिया का एक बोइंग विमान पिछले कई दिनों तक बिना वैध ‘वायु योग्यता नवीनीकरण प्रमाणपत्र (एआरसी) के व्यावसायिक उड़ानें भरता रहा। यह प्रमाणपत्र हर विमान के लिए हर साल आवश्यक होता है, जो यह साबित करता है कि विमान पूरी तरह से सुरक्षित और उड़ने लायक है।
विस्तारा के एयर इंडिया में विलय की प्रक्रिया के तहत यह तय किया गया था कि विलय के बाद विस्तारा के सभी 70 विमानों का पहला नया एआरसी स्वयं डीजीसीए जारी करेगा। डीजीसीए ने संतोषजनक जांच के बाद 69 विमानों को नया एआरसी दे दिया था। सत्तरवें विमान के लिए एयर इंडिया ने आवेदन दिया था, लेकिन इंजन बदलने के कारण विमान को कुछ समय के लिए जमीन पर खड़ा कर दिया गया। इसी दौरान उसका पुराना एआरसी समाप्त हो गया। इंजन बदलने के बाद विमान को फिर से उड़ान सेवा में लगाया गया, लेकिन नया एआरसी लेना भूल गए।
26 नवंबर 2025 को एयर इंडिया ने स्वयं डीजीसीए को सूचित किया कि उनका यह विमान बिना वैध एआरसी के 8 यात्रियों की उड़ानें पूरी कर चुका है। सूचना मिलते ही डीजीसीए ने तुरंत जांच शुरू की और संबंधित विमान को तत्काल प्रभाव से जमीन पर खड़ा करने का आदेश दिया। फिलहाल नया एआरसी जारी करने की प्रक्रिया चल रही है।
डीजीसीए ने सख्ती दिखाई है और जांच पूरी होने तक जिम्मेदार कर्मियों को तुरंत ड्यूटी से हटा दिया है। साथ ही एयर इंडिया को निर्देश दिया गया है कि वह अपनी संपूर्ण व्यवस्था की आंतरिक जांच करे, कमियों को उजागर करे और भविष्य में ऐसी गलती न हो, इसके लिए ठोस सुधार करें।
यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा यह मामला गंभीर है। डीजीसीए ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा नियमों में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।