क्या एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट पर्याप्त है?

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क्या एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट पर्याप्त है?

सारांश

क्या एयर इंडिया के विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट सही कारणों का पता लगाने में सक्षम है? पूर्व एएआईबी प्रमुख के विचारों पर चर्चा करते हुए इस रिपोर्ट में क्या कमी है, जानिए।

Key Takeaways

  • प्रारंभिक रिपोर्ट में केवल तथ्य दिए गए हैं।
  • निष्कर्ष निकालने से पहले गहन जांच की आवश्यकता है।
  • फ्यूल स्विच के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • अंतिम रिपोर्ट 12 महीनों में आनी चाहिए।
  • हवाई दुर्घटनाओं की जांच में समय लगता है।

नई दिल्ली, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के पूर्व निदेशक और ग्रुप कैप्टन अरबिंदो हांडा ने कहा कि अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की दुर्घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट इस हादसे के सही कारणों का पता लगाने के लिए पर्याप्त नहीं है और जांचकर्ताओं को इस स्तर पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।

एयर इंडिया का विमान एआई171 उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद एक चिकित्सा कॉलेज के छात्रावास से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें विमान में सवार 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई, जबकि ज़मीन पर 19 अन्य लोग भी मारे गए।

एएआईबी द्वारा जारी की गई प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान के दोनों फ्यूल कट-ऑफ स्विच 'रन' से 'कटऑफ' की स्थिति में चले जाने के कारण दोनों इंजनों का थ्रस्ट कम हो गया था। हालांकि, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से पता चला कि एक पायलट ने दूसरे को बताया कि उसने फ्यूल कंट्रोल स्विच बंद नहीं किए थे। दुर्घटनाग्रस्त होने से ठीक पहले फ्यूल स्विच फिर से रन स्थिति में आ गए थे।

हांडा ने कहा कि रिपोर्ट में एक तथ्यात्मक समयरेखा प्रस्तुत की गई है, लेकिन यह विफलता के कारण का पता नहीं लगाती।

एनडीटीवी प्रॉफिट पर एक पैनल चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, "रिपोर्ट में केवल तथ्य हैं कि उन 30 सेकंड में क्या हुआ। यह कोई निर्णायक रिपोर्ट नहीं है।"

उन्होंने बताया कि हवाई दुर्घटना की जांच में प्रारंभिक और अंतिम निष्कर्ष आमतौर पर भिन्न होते हैं और इसके लिए गहन तकनीकी विश्लेषण की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा, "हमने प्रारंभिक और अंतिम निष्कर्ष देखे हैं और अधिकांश जांचों में ये भिन्न होते हैं।"

हांडा ने कहा कि एएआईबी द्वारा सबसे संभावित कारण की पहचान करने से पहले कार्यशील प्रणालियों को खारिज करने के लिए उन्मूलन प्रक्रिया का उपयोग करना आवश्यक है। अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के अनुसार, विमान हादसों पर अंतिम रिपोर्ट 12 महीनों के भीतर प्रस्तुत की जानी चाहिए।

केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने भी शनिवार को कहा कि एयर इंडिया दुर्घटना पर एएआईबी की रिपोर्ट प्रारंभिक निष्कर्षों पर आधारित है और उन्होंने अंतिम रिपोर्ट जारी होने तक किसी भी निष्कर्ष पर न पहुंचने का आग्रह किया।

Point of View

हम मानते हैं कि एयर इंडिया विमान हादसे की जांच को पूरी निष्पक्षता और गहनता से करना आवश्यक है। हमारे नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और हमें हर पहलू का ध्यान रखना चाहिए।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

एयर इंडिया विमान हादसे के कारण क्या थे?
अभी तक प्रारंभिक रिपोर्ट में स्पष्ट कारणों की पहचान नहीं की गई है।
एएआईबी क्या है?
एएआईबी का मतलब विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो है, जो विमान हादसों की जांच करता है।
फ्यूल कट-ऑफ स्विच का क्या महत्व है?
फ्यूल कट-ऑफ स्विच विमान के इंजनों के थ्रस्ट को नियंत्रित करते हैं।
क्या अंतिम रिपोर्ट में समय लगेगा?
हां, अंतिम रिपोर्ट 12 महीनों के भीतर पेश की जानी चाहिए।
क्या रिपोर्ट में सिर्फ तथ्य दिए गए हैं?
हां, रिपोर्ट में केवल तथ्यात्मक जानकारी दी गई है, लेकिन निष्कर्ष नहीं।