क्या संसद के मानसून सत्र का तीसरा दिन हंगामे से भरा रहेगा?

सारांश
Key Takeaways
- संसद का मानसून सत्र आज तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है।
- ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का समय नौ घंटे बढ़ा दिया गया है।
- राजनीतिक तनाव के कारण हंगामे की आशंका है।
- विपक्ष ने चुनाव आयोग पर कई आरोप लगाए हैं।
- संसद की कार्यवाही स्थगित होने की संभावना भी बनी हुई है।
नई दिल्ली, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आज संसद के मानसून सत्र का तीसरा दिन है। लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही पुनः आरंभ होगी, लेकिन राजनीतिक तनाव के चलते हंगामे की संभावना बनी हुई है।
राज्यसभा में आज दोपहर 12:30 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित होगी। इसके साथ ही, ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए समय को नौ घंटे तक बढ़ा दिया गया है। यह चर्चा कई विवादास्पद मुद्दों के बीच सदन का मुख्य केंद्र बनी रहेगी।
मंगलवार को दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई थी। यह स्थिति विपक्षी दलों के हंगामे के कारण उत्पन्न हुई। यह हंगामा मुख्यतः दो प्रमुख मुद्दों के कारण था: बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का अचानक इस्तीफा।
सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत में विपक्षी नेताओं ने संसद के ‘मकर द्वार’ के बाहर संयुक्त विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने चुनाव आयोग पर बिहार में चुनावों से पहले एसआईआर अभियान को "पक्षपातपूर्ण और गलत" तरीके से चलाने का आरोप लगाया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव जैसे बड़े नेता शामिल थे।
जब उपसभापति हरिवंश ने कई विपक्षी सांसदों द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्तावों को खारिज कर दिया, तो हंगामा शुरू हो गया। सदस्य सदन के वेल में आ गए और नारे लगाने लगे। हंगामे के कारण राज्यसभा को पहले दोपहर तक, फिर दो बजे तक और अंत में पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा।
लोकसभा में भी यही स्थिति देखी गई। विपक्षी सांसदों ने एसआईआर अभियान और ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की मांग की, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अनुमति नहीं दी। इसके बाद विरोध और हंगामा बढ़ गया। बार-बार स्थगन के बाद अंततः लोकसभा की कार्यवाही भी पूरे दिन के लिए रोक दी गई।