क्या संसद का मानसून सत्र विपक्ष के हमलों से प्रभावित है?

Click to start listening
क्या संसद का मानसून सत्र विपक्ष के हमलों से प्रभावित है?

सारांश

संसद के मानसून सत्र में गतिरोध के कारण राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। विपक्ष ने सरकार पर संसद न चलाने का आरोप लगाया है, जबकि सत्ताधारी पक्ष का कहना है कि विपक्ष खुद कार्यवाही में बाधा डाल रहा है। क्या यह स्थिति लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरनाक है?

Key Takeaways

  • संसद का ठप होना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरनाक है।
  • विपक्ष ने सरकार पर कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाया है।
  • कांग्रेस ने राहुल गांधी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर चिंता जताई।
  • दिल्ली में बढ़ते अपराध पर कांग्रेस का हमला।
  • सीआईएसएफ की उपस्थिति पर विवाद जारी है।

नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संसद के मानसून सत्र में बार-बार हो रहे गतिरोध के चलते राजनीतिक स्थिति गर्म होती जा रही है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सरकार पर संसद को ठीक से न चलाने का आरोप लगा रहे हैं। दूसरी ओर, सत्ताधारी पक्ष का कहना है कि विपक्ष स्वयं कार्यवाही में बाधा डाल रहा है।

कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि भाजपा सरकार संसद के संचालन को लेकर गंभीर नहीं है। विपक्ष हमेशा महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की इच्छुक है, लेकिन सरकार इससे बच रही है। संसद का ठप होना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरनाक है।

इस बीच, इंडी ब्लॉक की एक महत्वपूर्ण बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में हुई। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बताया कि एसआईआर (संविधानिक संस्थाओं की रिपोर्ट) पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश द्वारा राहुल गांधी पर की गई टिप्पणी पर चिंता जताई गई।

गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का राहुल गांधी पर दिया गया बयान चौंकाने वाला था। यह राजनीतिक दलों के अधिकारों को सीमित करने का प्रयास है। जब सत्ताधारी पक्ष जवाब नहीं देता, तो नागरिकों और विपक्ष को सवाल पूछने का हक है।

इस बीच, राज्यसभा में सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) के जवानों की उपस्थिति को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया। उन्होंने कहा कि हमने नोटिस दिया है कि संसद परिसर में सीआईएसएफ की अनुमति दुर्भाग्यपूर्ण है। विपक्ष ने इसका विरोध किया है और मांगी है कि सरकार इस पर खेद व्यक्त करे।

हालांकि, भाजपा सांसद भीम सिंह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्षी सांसद बार-बार सदन में बाधा डाल रहे हैं। उन्हें अपने व्यवहार पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

भीम सिंह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 हटने के 6 साल हो गए हैं और आज कश्मीर में शांति है, विकास है, पर्यटन बढ़ा है। पहले यह क्षेत्र आतंक से प्रभावित था, अब यह फिर से धरती का स्वर्ग बन गया है।

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने दिल्ली में बढ़ते अपराध के मुद्दे पर भी सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली अब क्राइम कैपिटल बन चुकी है। भाजपा सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। इन सभी मुद्दों पर हमारी लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक जारी रहेगी।

Point of View

संसद का यह गतिरोध लोकतंत्र की नींव को हिला सकता है। सभी पक्षों को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है। यह महत्वपूर्ण है कि दोनों पक्ष संवाद करें और संसद को उसके उद्देश्यों के लिए चलाएं।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

संसद के मानसून सत्र में क्या मुद्दे उठाए गए?
संसद के मानसून सत्र में विपक्ष ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया, जिसमें संसद का संचालन, राहुल गांधी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, और सीआईएसएफ की उपस्थिति शामिल हैं।
कांग्रेस ने सरकार पर क्या आरोप लगाए?
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार संसद को ठीक से नहीं चला रही है और विपक्ष के सवालों से बच रही है।
भाजपा का विपक्ष पर क्या जवाब है?
भाजपा का कहना है कि विपक्षी सांसद बार-बार सदन में बाधा डाल रहे हैं, उन्हें अपने आचरण पर विचार करना चाहिए।