क्या कांवड़ यात्रा के नाम पर भाजपा प्रोपेगेंडा कर रही है? : अजय राय

सारांश
Key Takeaways
- अजय राय ने भाजपा पर प्रोपेगेंडा का आरोप लगाया है।
- कांवड़ यात्रा के दौरान धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखा जाता है।
- सपा और कांग्रेस के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन लक्ष्य समान है।
- हिंदी को मातृभाषा के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए।
- भारत की सामाजिक सुरक्षा रैंकिंग पर सवाल उठाए गए हैं।
वाराणसी, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने सोमवार को केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए। लखनऊ में एक परिवार की सामूहिक आत्महत्या से लेकर कांवड़ यात्रा, कथावाचकों पर अखिलेश यादव के बयानों, सपा-कांग्रेस संबंधों, बिहार चुनाव में ओवैसी की भूमिका और भारत की सामाजिक सुरक्षा रैंकिंग तक उन्होंने अपनी स्पष्ट राय प्रस्तुत की।
अजय राय ने लखनऊ में एक परिवार की सामूहिक आत्महत्या की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह अत्यंत दुखद है। इस सरकार में आम लोगों का न तो काम चल रहा है और न ही व्यापार। लोग मानसिक, सामाजिक और आर्थिक दबाव में आकर ऐसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं।
कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नेम प्लेट लगाने और मीट की दुकानों को बंद करने के मुद्दे पर अजय राय ने भाजपा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, यह पहले से ही चल रहा है। कांवड़ यात्रा के दौरान मीट-मछली की दुकानें स्वेच्छा से बंद की जाती थीं ताकि धार्मिक भावनाएँ आहत न हों। अब इसे प्रचारित किया जा रहा है और भाजपा इसे प्रोपेगेंडा बना रही है।
अखिलेश यादव के कथावाचकों पर दिए गए विवादित बयान पर अजय राय ने कहा कि सभी कथावाचक एक जैसे नहीं होते। कई विद्वान बिना किसी प्रतिक्रिया के कथा सुनाते हैं। कुछ अपवाद हो सकते हैं, लेकिन पूरे समाज पर उंगली उठाना उचित नहीं है।
sपा और कांग्रेस के बीच बढ़ती दूरी पर अजय राय ने संतुलित रुख अपनाया, कहा कि उनका काम उनका है, और मेरा काम मेरा है। सब ठीक है। गठबंधन में कभी-कभी रणनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन लक्ष्य एक ही है, भाजपा को हटाना।
बिहार चुनाव में एआईएमआईएम को इंडिया गठबंधन में शामिल करने पर अजय राय ने कहा कि यह निर्णय इंडिया गठबंधन के नेताओं द्वारा मिलकर लिया जाएगा। आज बिहार में इंडिया गठबंधन मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
महाराष्ट्र में तीन-भाषा आदेश को वापस लेने पर अजय राय ने हिंदी का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और इसे पूरे देश में पढ़ाया जाना चाहिए, इसे हाशिए पर रखना उचित नहीं है।
भारत को 'सामाजिक सुरक्षा' के मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर रखने पर अजय राय ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इनकी अपनी मनगढ़ंत रेटिंग होती है, जबकि असली सच्चाई कुछ और होती है। आंकड़ों में कुछ और दिखाया जाता है और हकीकत में कुछ और होता है।