क्या अखिलेश यादव ने अवंतीबाई लोधी को याद करते हुए उनके योगदान पर विचार किया?

सारांश
Key Takeaways
- अवंतीबाई लोधी का बलिदान आज भी प्रेरणादायक है।
- अखिलेश यादव ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
- चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर चिंतन आवश्यक है।
- ईवीएम पर विश्वास की कमी बढ़ रही है।
- आम जनता के हितों की अनदेखी हो रही है।
लखनऊ, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने शनिवार को अवंतीबाई लोधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अवंतीबाई ने आजादी की लड़ाई में अपने जीवन का बलिदान दिया। उन्होंने दुश्मनों को कड़ा जवाब दिया था। आज का दिन अवंतीबाई को सम्मानित करने का है और वे लाखों लोगों के लिए प्रेरणा की स्रोत रही हैं।
यादव ने कहा कि सभी को अवंतीबाई लोधी का सम्मान करना चाहिए। वर्तमान सरकार को उनके सम्मान को बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें उन महापुरुषों को नहीं भूलना चाहिए, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में अपना सब कुछ दे दिया। आज हम उनके बलिदान के कारण ही इस खुली हवा में सांस ले रहे हैं।
इसके साथ ही, उन्होंने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हाल के समय में आयोग के प्रति लोगों में अविश्वास का माहौल बना है। आयोग को सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी चुनाव निष्पक्ष रूप से संपन्न हों। किसी भी बाहरी शक्ति द्वारा चुनाव प्रणाली को प्रभावित करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे लोगों का अविश्वास बढ़ता है।
उन्होंने कथित वोट चोरी का भी उल्लेख किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अब विपक्ष के मुद्दों पर ध्यान देना पड़ा है। कई बार इलेक्शन कमीशन पर उंगली उठाई गई है, खासकर उत्तर प्रदेश के चुनावों में। जब 18 हजार मतदाताओं के नाम काटे गए, तो हमने इसकी सूचना चुनाव आयोग को दी थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ईवीएम पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं और अब इसका कोई विश्वास नहीं किया जा सकता।
सपा प्रमुख ने बताया कि कई देशों में बैलेट पेपर से मतदान हो रहा है, जबकि भारत में ईवीएम पर विश्वास खत्म हो चुका है। जर्मनी की सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि चुनाव बैलेट पेपर से ही होंगे। भाजपा की सरकार के आने के बाद से फर्जी कामों में इजाफा हुआ है। यह डबल इंजन की सरकार नहीं, बल्कि अराजकता का प्रतीक है। प्रदेश के शहरों की स्थिति खराब है, हर जगह जलभराव है। भाजपा को आम जनता के हितों से कोई मतलब नहीं है।