क्या भाजपा जहां हारती है, वहीं एसआईआर के माध्यम से वोट कटवाए जा रहे हैं? : अखिलेश यादव
सारांश
Key Takeaways
- अखिलेश यादव ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- एसआईआर को भाजपा की साजिश बताया गया है।
- लोकतंत्र के लिए वोटों की पारदर्शिता जरूरी है।
- भाजपा के कमजोर क्षेत्रों में वोट कटवाने की चर्चा।
- गठबंधन को लेकर समाजवादी पार्टी का सकारात्मक रुख।
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (एसआईआर) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि एसआईआर कोई साधारण प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह भाजपा की एक सोची-समझी रणनीति और साजिश है।
अखिलेश यादव ने बताया कि भाजपा सीधे एनआरसी का जिक्र नहीं कर पा रही थी, इसलिए एसआईआर को बहाना बनाकर इस मुद्दे को आगे बढ़ाया जा रहा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि यदि भविष्य में एनआरसी लागू किया गया, तो जनता से कौन-कौन से दस्तावेज मांगे जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर कोई व्यक्ति एक बार वोटर बन चुका है, तो वह भारतीय नागरिक है। इसके बावजूद नागरिकता पर सवाल उठाना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
पश्चिम बंगाल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां एसआईआर के तहत लगभग 58 लाख लोगों के वोट काट दिए गए। अखिलेश यादव का कहना है कि ये वही क्षेत्र हैं, जहां भाजपा चुनाव हार रही है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां भाजपा कमजोर होती है, वहां वोट कटवाने का प्रयास किया जाता है।
उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां कई बार प्रचारित किया गया कि बांग्लादेशी, रोहिंग्या और बाहरी लोग यहां निवास कर रहे हैं। कई प्रमुख चैनलों ने भी यही समाचार प्रसारित किए। लेकिन, जब सच्चाई सामने आई, तो पता चला कि जिन भूमियों पर ये लोग रह रहे थे, वे भूमियां भाजपा नेताओं द्वारा किराए पर दी गई थीं। जब दस्तावेजों की जांच की गई, तो वे सभी लोग असम के रहने वाले भारतीय नागरिक निकले।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि कई बार मीडिया भी भाजपा के एजेंडे का हिस्सा बन जाती है। इससे आम जनता को भ्रमित किया जाता है और समाज में डर का माहौल उत्पन्न किया जाता है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री खुद घबरा गए हैं। चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि अधिक से अधिक लोगों के वोट बनवाए जाएं, लेकिन यहां तो हालात ऐसे हैं कि वोट बनवाने से ज्यादा वोट काटने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि बीएलओ पर इतना दबाव डाला गया कि कुछ की जान तक चली गई।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर उन क्षेत्रों में वोट कटवा रहे हैं, जहां भाजपा हार रही है। उन्होंने आजमगढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां लगभग 15 लाख वोट कटने की चर्चा है। यदि एक जिले में इतने वोट कटेंगे, तो पूरे प्रदेश में क्या होगा, इसकी कल्पना की जा सकती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में गुप्त बैठकों के माध्यम से अधिकारियों को वोट बनाने या काटने के निर्देश दिए गए। जब मुख्यमंत्री खुद अधिकारियों के साथ गुप्त बैठक करेंगे, तो क्या वोटों में गड़बड़ी नहीं होगी? एक तरफ उत्तर प्रदेश में वोट बनाने की बात की जा रही है और दूसरी तरफ बंगाल में वोट कटवाने की साजिश हो रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इससे लोकतंत्र मजबूत होगा या कमजोर?
अखिलेश यादव ने पुराने चुनावों की चर्चा करते हुए कहा कि रामपुर, मीरापुर और कुंदरकी जैसे क्षेत्रों में वोटरों को घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया। कई जगह पुलिस ने प्राइवेट ड्रेस में वोट डाले। इसके वीडियो और सीसीटीवी फुटेज सरकार के पास मौजूद हैं, लेकिन उन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा रहा।
उन्होंने अयोध्या के मिल्कीपुर और कुंदरकी चुनावों का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां खुलेआम वोट डालने की बातें की गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि एक मंत्री का सहयोगी भी पकड़ा गया था, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी आंखों से चुनाव लुटते देखा है। ऐसे हालात में यदि लोकतंत्र कमजोर हो रहा है, तो इसकी जिम्मेदारी भाजपा और चुनाव आयोग की है।
गठबंधन के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने सकारात्मक रुख दिखाया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी नकारात्मक राजनीति में विश्वास नहीं करती। वे किसी के खिलाफ नहीं बोलेंगे और यदि सहयोगी दल सवाल उठाते हैं, तो उनका उत्तर सम्मान के साथ दिया जाएगा। उनका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को जोड़ना है। लोगों की समस्याओं को समझना और उनका समाधान करना ही उनकी राजनीति है। इसी तरह गठबंधन मजबूत होगा और आने वाले समय में वे इसी दिशा में कार्य करते रहेंगे।