क्या सरकार को मौजूदा समय के आपातकाल पर विचार करना चाहिए? : अखिलेश यादव

सारांश
Key Takeaways
- आपातकाल की चर्चा वर्तमान में बहुत महत्वपूर्ण है।
- भाजपा की नकारात्मक राजनीति पर सवाल उठाए गए।
- भ्रष्टाचार और आउटसोर्सिंग का मुद्दा उठाया गया।
- मोहन यादव के कार्यकाल पर भी सवाल उठाए गए।
- सीजफायर और चीन
फर्रुखाबाद, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार को पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे छोटे सिंह यादव के त्रयोदशी संस्कार में भाग लेने के लिए फर्रुखाबाद पहुंचे। इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने वर्तमान समय के आपातकाल पर विचार करने की आवश्यकता जताई।
भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार द्वारा १९७५ में लगाए गए आपातकाल के ५० वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इस पर बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि आपातकाल दो प्रकार का होता है - घोषित और अघोषित। उन्होंने वर्तमान समय में हो रहे आपातकाल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की स्थापना इटावा में हुई थी, जबकि भाजपा की विचारधारा अंग्रेजों से प्रेरित है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर नकारात्मक राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म और जाति के आधार पर समाज में मतभेद पैदा करना चाहती है। राज्य सरकार भ्रष्टाचार में लिपटी हुई है। समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर हम लोग आउटसोर्सिंग को समाप्त करेंगे और स्थायी नौकरी देंगे।
अखिलेश यादव ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा उन्हें यादव के रूप में प्रचारित कर रही है, जबकि उनके कार्यकाल में यहां कई घटनाएं घटी हैं। उन्होंने मोहन यादव को फिर से आने और दोनों परिवारों से मिलने की सलाह दी।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अमेरिका के दबाव में सीजफायर किया जा रहा है, जो सरकार ने व्यवसाय के दबाव में स्वीकार किया था। सरकार स्वदेशी उत्पादों की बात करती है, जबकि अधिकांश लोगों के पास चीन
-राष्ट्र प्रेस
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