क्या उत्तर प्रदेश में एसआईआर के साथ जातीय कॉलम जोड़ा जाना चाहिए? : अखिलेश यादव

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क्या उत्तर प्रदेश में एसआईआर के साथ जातीय कॉलम जोड़ा जाना चाहिए? : अखिलेश यादव

सारांश

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जातीय कॉलम को एसआईआर से जोड़ने की अपील की है। उनका मानना है कि इससे जातियों की स्थिति का सही आकलन होगा और कल्याणकारी योजनाओं के लिए नीति बनाने में मदद मिलेगी। क्या सरकार इस सुझाव को स्वीकार करेगी? जानिए इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • जातीय कॉलम को एसआईआर में जोड़ने की मांग
  • गन्ना किसानों की समस्याओं पर ध्यान
  • सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप
  • महिलाओं और बेटियों की असुरक्षा
  • स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को सुधारने की आवश्यकता

लखनऊ, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि एसआईआर के साथ जातीय कॉलम को जोड़ा जाना चाहिए, ताकि जातियों की स्थिति का सही आकलन हो सके। उन्होंने इस आशा व्यक्त की कि सरकार इस सुझाव को मान्यता देगी। अखिलेश यादव ने शुक्रवार को लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में पत्रकारों से संवाद करते हुए सरकार पर तीखा हमला किया।

अखिलेश यादव ने कहा कि एसआईआर के दूसरे चरण में जाति से संबंधित एक अतिरिक्त कॉलम शामिल किया जाना चाहिए। इससे जाति-जनगणना में आसानी होगी और कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सटीक नीतियाँ बनाई जा सकेंगी। मुझे पूरा विश्वास है कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार करेगी।

उन्होंने गन्ना किसानों की समस्याओं पर चर्चा करते हुए कहा कि गन्ने की कीमत और बढ़ाई जानी चाहिए ताकि किसान परिवारों में खुशहाली आ सके। सरकार मुनाफा कमा रही है, फिर भी गन्ने की कीमत बढ़ाने में उसे सालों लग गए। किसानों को खाद, डीजल और कीटनाशक महंगे मिल रहे हैं। धान की खरीद नहीं हो रही, और एमएसपी नहीं मिल रही। गन्ने की कीमत बढ़ाने का विज्ञापन अंग्रेजी अखबारों में छपवाया गया। बताइए, कितने किसान अंग्रेजी में पढ़ पाते हैं?

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मंडियों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है, जिससे किसान और व्यापारी दोनों प्रभावित होंगे।

अखिलेश ने बहराइच की गन्ना मिल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां किसानों के करोड़ों रुपए डूब गए हैं और जिम्मेदार लोग फरार हैं। सरकार इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। सपा प्रमुख ने कहा कि सत्ता में आने पर पार्टी सरदार पटेल के नाम पर एक विश्वविद्यालय स्थापित करेगी। उन्होंने कानपुर के अखिलेश दुबे प्रकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि जितना भ्रष्टाचार इस सरकार में है, उतना कभी नहीं हुआ। विकास दुबे की गाड़ी इसलिए पलटाई गई थी कि कहीं सरकार न पलट जाए। अब उसी तरह के लोगों को बचाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियां मनमानी तरीके से हो रही हैं। सरकार में महिलाएं और बेटियां असुरक्षित हैं। दलित और पिछड़े वर्ग के लोग उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति खराब है। एंबुलेंस सेवा हमने शुरू की थी। हमारी सरकार आने पर इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी।

अखिलेश यादव ने कहा कि आज भाजपा के बड़े नेता भी जब बीमार होते हैं तो इलाज सपा सरकार में बने मेदांता अस्पताल में कराते हैं। इस सरकार में आम आदमी का इलाज भगवान भरोसे है।

Point of View

बल्कि यह कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है। सच्चाई यह है कि देश में जातीय जनगणना की आवश्यकता को समझना और स्वीकार करना आवश्यक है।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

अखिलेश यादव ने किस विषय पर बात की?
अखिलेश यादव ने एसआईआर के साथ जातीय कॉलम जोड़ने की मांग की है।
उन्होंने गन्ना किसानों के लिए क्या कहा?
उन्होंने गन्ने की कीमत बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सरकार के खिलाफ उनका आरोप क्या था?
उन्होंने सरकार पर मंडियों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी का आरोप लगाया।