क्या आईपीओ लाने जा रही स्पिरिट कंपनी एल्कोब्रू डिस्टिलरीज की वित्त वर्ष 25 में आय में कमी आई?

Click to start listening
क्या आईपीओ लाने जा रही स्पिरिट कंपनी एल्कोब्रू डिस्टिलरीज की वित्त वर्ष 25 में आय में कमी आई?

सारांश

एल्कोब्रू डिस्टिलरीज ने वित्त वर्ष 25 में आय में गिरावट के बावजूद कर-पश्चात लाभ बढ़ाने में सफलता हासिल की है। कंपनी ने आईपीओ लाने के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट दाखिल किया है। जानें इस प्रक्रिया के पीछे की रणनीतियाँ और कंपनी के भविष्य की योजनाएँ।

Key Takeaways

  • एल्कोब्रू ने वित्त वर्ष 25 में परिचालन आय में गिरावट दर्ज की।
  • कंपनी का पीएटी बढ़कर 69.45 करोड़ रुपए हुआ।
  • आईपीओ के तहत 258.26 करोड़ रुपए के नए शेयर जारी किए जाएंगे।
  • कंपनी ने 20 से अधिक देशों में अपने उत्पादों का निर्यात किया।
  • मोतीलाल ओसवाल को बुक-रनिंग लीड मैनेजर नियुक्त किया गया है।

मुंबई, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। स्पिरिट उत्पादक एल्कोब्रू डिस्टिलरीज इंडिया लिमिटेड ने वित्त वर्ष 25 में अपनी परिचालन आय में हल्की गिरावट देखी है, जो वित्त वर्ष 24 के 1,640 करोड़ रुपए से 1.52 प्रतिशत घटकर 1,615 करोड़ रुपए रह गई है। यह जानकारी कंपनी की ओर से भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को प्रस्तुत ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) से प्राप्त हुई।

हालांकि, राजस्व में कमी के बावजूद कंपनी का कर-पश्चात लाभ (पीएटी) वित्त वर्ष 25 में बढ़कर 69.45 करोड़ रुपए हो गया, जबकि पिछले वर्ष यह 62.55 करोड़ रुपए था।

एल्कोब्रू ने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए धन जुटाने के लिए बाजार नियामक के पास ड्राफ्ट पेपर्स जमा किए हैं।

कंपनी का इरादा आईपीओ में 258.26 करोड़ रुपए तक के नए शेयर जारी करने का है, जिसमें एक प्रमोटर द्वारा 1.8 करोड़ शेयरों का ओएफएस (ऑफर फॉर सेल) शामिल है।

आईपीओ में 50 प्रतिशत हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी), 15 प्रतिशत हिस्सा गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) और शेष 35 प्रतिशत खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित रखा गया है।

आईपीओ से प्राप्त राशि का उपयोग कंपनी व्यवसाय विस्तार, कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

कंपनी व्हिस्की, वोदका और रम जैसे मादक पेय पदार्थों के निर्माण, विपणन और बिक्री का कार्य करती है।

इसके ब्रांड पोर्टफोलियो में गोल्फर्स शॉट (प्रीमियम व्हिस्की), व्हाइट एंड ब्लू (ब्लेंडेड व्हिस्की), व्हाइट हिल्स (रेगुलर व्हिस्की) और वन मोर (वोदका) शामिल हैं।

एल्कोब्रू के पास सोलन, हिमाचल प्रदेश और डेरा बस्सी, पंजाब में डिस्टिलेशन और बॉटलिंग सुविधाओं के साथ मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं।

एक मजबूत वितरण नेटवर्क और कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं का लाभ उठाते हुए, कंपनी ने पूरे भारत में अपनी उपस्थिति स्थापित की है और साथ ही कुछ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार किया है।

कंपनी अपने उत्पादों का निर्यात युगांडा, केन्या, तंजानिया, मोजाम्बिक, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और नेपाल सहित 20 से अधिक देशों में करती है।

मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स को आईपीओ के लिए बुक-रनिंग लीड मैनेजर के रूप में नियुक्त किया गया है।

-राष्ट्र प्रेस

एबीएस/

Point of View

हमें यह मानना चाहिए कि एल्कोब्रू डिस्टिलरीज की आईपीओ योजना से न केवल कंपनी की स्थिति मजबूत होगी, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी। कंपनी की निर्यात रणनीतियाँ और विस्तार योजनाएँ दर्शाती हैं कि वे वैश्विक बाजार में भी अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
NationPress
28/09/2025

Frequently Asked Questions

एल्कोब्रू का आईपीओ कब आएगा?
एल्कोब्रू ने अभी तक आईपीओ की तारीख की घोषणा नहीं की है, लेकिन उन्होंने सेबी के पास ड्राफ्ट दाखिल किया है।
आईपीओ से मिलने वाला धन किसलिए उपयोग होगा?
आईपीओ से प्राप्त धन का उपयोग व्यवसाय विस्तार, कार्यशील पूंजी और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।