क्या झारखंड के लातेहार में एक लाख के इनामी नक्सली ने एसपी के सामने हथियार डाल दिए?
सारांश
Key Takeaways
- आलोक यादव ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया।
- उसके खिलाफ 35 आपराधिक मामले हैं।
- सरकार की आत्मसमर्पण नीति से नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने का अवसर मिल रहा है।
- पुलिस और सुरक्षा बलों का नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है।
- टीएसपीसी के एक नक्सली को भी गिरफ्तार किया गया है।
लातेहार, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के लातेहार जिले में प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) से संबंधित एक लाख रुपए के इनामी हार्डकोर नक्सली आलोक यादव उर्फ चंद्रशेखर यादव ने शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आलोक यादव के खिलाफ लातेहार, चतरा और रांची जिलों के विभिन्न थानों में कुल 35 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पुलिस के अनुसार, नक्सली हिंसा, रंगदारी, हथियारों का अवैध उपयोग और पुलिस पर हमले जैसे गंभीर अपराधों के लिए पुलिस लंबे समय से उसकी खोज कर रही थी। आलोक पहले भी जेल जा चुका था, लेकिन रिहाई के बाद फिर से पीएलएफआई संगठन से जुड़ गया और लातेहार क्षेत्र में कई नक्सली वारदातें की। आत्मसमर्पण के समय, नक्सली ने एक देसी कार्बाइन और चार जिंदा कारतूस भी पुलिस को सौंपे।
सरकार की नीति के तहत उस पर घोषित इनामी राशि का चेक आलोक को सौंपा गया। लातेहार के पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव ने बताया कि विशेष नक्सल विरोधी अभियान के अंतर्गत अब तक 23 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के लिए अब दो ही विकल्प बचे हैं। या तो वे सरकार की आत्मसमर्पण नीति 'नई दिशा' के तहत हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज में लौटें, या फिर कानून के अनुसार पुलिस की सख्त कार्रवाई का सामना करें।
उन्होंने बताया कि लातेहार जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों की ओर से लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों के घरों और गांवों में आत्मसमर्पण से संबंधित इश्तेहार चिपकाए जा रहे हैं, ताकि भटके हुए युवाओं को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया जा सके।
एक अन्य सूचना के अनुसार, रांची जिले के मैक्लुस्कीगंज थाना क्षेत्र में सक्रिय उग्रवादी संगठन टीएसपीसी के एक नक्सली सलमान को पुलिस ने लोडेड देसी कट्टा और जिंदा गोली के साथ गिरफ्तार किया है। चतरा से सटे रांची बॉर्डर पर सलमान ने 16 दिसंबर को दहशत फैलाने के लिए फायरिंग की थी।