क्या पाकिस्तान के खिलाफ विदेश मंत्री आमिर मुत्ताकी का गुस्सा जायज़ है?
सारांश
Key Takeaways
- हवाई क्षेत्र का उल्लंघन: पाकिस्तान पर आरोप
- वार्ता की विफलता: अवास्तविक मांगें
- संप्रभुता की रक्षा: अफगानिस्तान का संकल्प
नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने गुरुवार को पाकिस्तान पर हवाई क्षेत्र का बार-बार उल्लंघन करने का गंभीर आरोप लगाया है। हाल ही में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस्तांबुल में तीसरे राउंड की वार्ता आयोजित की गई थी, जो असफल रही। इसी संदर्भ में मुत्ताकी ने पाकिस्तान को आलोचना का निशाना बनाया।
विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने द्विपक्षीय वार्ता के दौरान अवास्तविक और अनुचित मांगें की हैं और चेतावनी दी कि अगर उकसाया गया तो अफगानिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा।
मुत्ताकी ने एक कार्यक्रम में कहा कि इस्लामाबाद द्वारा अफगान संप्रभुता के बार-बार उल्लंघन के कारण अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव बढ़ गया है।
उन्होंने कहा, "हमारे हवाई क्षेत्र और बाजारों पर बमबारी की गई; यहाँ तक कि हमारी राजधानी के ऊपर के हवाई क्षेत्र का भी उल्लंघन हुआ। अफगानिस्तान के पास जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।"
मुत्ताकी ने बताया कि तीन दौर की बातचीत विफल रही क्योंकि पाकिस्तान ने काबुल से मांग की थी कि पाकिस्तान में कोई सुरक्षा घटना नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि दोनों पक्षों के बीच पहली बैठक कतर में और बाद में इस्तांबुल में हुई थी।
अफगान विदेश मंत्री ने इस मांग को अतार्किक बताते हुए सवाल किया, "हम पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए कैसे जिम्मेदार हो सकते हैं? क्या हम उनकी पुलिस या सेना को नियंत्रित करते हैं?"
इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के अंदर दाएश (आईएसआईएस) के तत्वों को अफगानिस्तान पर हमले के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने इस्लामाबाद से ऐसी गतिविधियों को रोकने का अनुरोध किया।
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने टीटीपी के लड़ाकों को अफगानिस्तान में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया था। मुत्ताकी ने पाकिस्तानी सेना पर सवाल उठाते हुए कहा, "आपके पास तकनीक, कैमरे और सैकड़ों चौकियां हैं। अगर लड़ाके फिर भी घुसपैठ करते हैं, तो आप उन्हें क्यों नहीं रोक सकते?"
पाकिस्तान के खिलाफ भड़कते हुए अफगानी नेता ने कहा, "आपने भारत के साथ युद्ध लड़े, ईरान के साथ संघर्ष किए, और अब तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के साथ अशांति का सामना कर रहे हैं, क्या आप इन सबका दोष अफगानिस्तान पर डालेंगे?"